Maharashtra Politics: शिवसेना का मुखिया कौन होगा? असली-नकली के बीच अभी भी जारी है जंग, ECI ने चुप्पी ने बढ़ाया सस्पेंस
Maharashtra Politics: शिवसेना के अध्यक्ष पद का कार्यकाल 23 जनवरी को पूरा होने वाला है. चुनाव आयोग ने शिवसेना प्रमुख के पद के लिए दोनों गुटों को फैसला करने के लिए 7 दिन का समय दिया है.
Maharashtra News: शिवसेना पार्टी किसकी है और पार्टी के चुनाव चिन्ह धनुष-बाण पर किसका अधिकार है. इस पर लंबे समय से चल रही तकरार के बीच अब शिवसेना (Shiv Sena) प्रमुख का कार्यकाल पूरा होने वाला है. अभी शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) है. उनका कार्यकाल 23 जनवरी को पूरा होगा. जिसको लेकर उनके गुट के नेता लगातार दावे कर रहे हैं कि शिवसेना चीफ वही बने रहेंगे. वहीं चुनाव आयोग (Election Commission) ने इसपर फैसला करने के लिए दोनों दलों को 23 जनवरी से सात दिनों का समय दिया है.
ठाकरे गुट और शिंदे गुट में शिवसेना अध्यक्ष के लिए गतिरोध तेज
23 जनवरी को शिवसेना प्रमुख का कार्यकाल समाप्त होने को लेकर उद्धव ठाकरे गुट और शिंदे गुट दोनों में गतिरोध तेज हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ठाकरे गुट के नेता अनिल परब का कहना है कि चुनाव आयोग ने अभी कोई निर्देश नहीं दिया है इसलिए उद्धव ठाकरे ही शिवसेना के अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे. इसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को किसी की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है. केवल कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए इलेक्शन कमीशन से अनुमति मांगी गई थी. परब का कहना है कि सिर्फ सांसद विधायकों को छोड़कर राष्ट्रीय कार्यकारिणी और पार्टी संगठन को देखते हुए हमारे पास बहुमत है.
2018 में उद्धव ठाकरे के शिवसेना प्रमुख चुने जाने पर नहीं उठा कोई सवाल
ठाकरे गुट के नेता अनिल परब का कहना है कि 2018 की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद उद्धव ठाकरे को निर्विरोध शिवसेना प्रमुख चुना गया था. जिसपर किसी ने कोई सवाल नहीं खड़ा किया तो पार्टी छोड़ने के बाद शिंदे गुट के लोग क्यों सवाल उठा रहे है. धनुष- बाण का चिन्ह और शिवसेना उनके पास ही रहने वाली है. परब ने एकनाथ शिंदे खुद को उस पद पर चुने जाने को अमान्य और असंवैधानिक बताया है.
यह भी पढ़ें: Mumbai News: मुंबई में बढ़ने वाले हैं बिजली के दाम! अडाणी इलेक्ट्रिसिटी ने भेजा प्रस्ताव