Maharashtra News: अजित पवार पर फिर से वही आरोप, महाराष्ट्र में डेवलपमेंट फंड को लेकर डिप्टी CM पर विपक्ष का हमला
Maharashtra News: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर फिर विधायकों को विकास फंड न देने का आरोप लगा है. इस बार यह आरोप विपक्षी दलों के विधायकों ने लगाया है.
Maharashtra Politics: वित्त मंत्रालय की कमान संभालने के बाद विधायकों के फंड वितरण को लेकर अजित पवार फिर चर्चा में हैं. इस बार उन्होंने एनसीपी, शिंदे सेना और बीजेपी के विधायकों को खुश कर दिया है, लेकिन विरोधी दलों ने नाराजगी व्यक्त की है. पवार ने विधायकों के मतदाता क्षेत्र के विकास के लिए पूरक मांगों में 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. हर एक विधायक को 25 से 50 करोड़ का फंड उपलब्ध कराया गया है. कुछ विधायकों को 40 करोड़ का फंड भी दिया है.
अजित पवार पर आरोप
एनसीपी प्रमुख शरद पवार को देवलाली विधानसभा क्षेत्र से एनसीपी विधायक सरोज अहिरे ने समर्थन दिया था. बाद में वे अजित पवार गुट में शामिल हो गईं. उनके विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए 40 करोड़ का फंड दिया है. निधि आवंटन में अजित पवार गुट के समर्थक विधायकों को ज्यादा धनराशि दी गई है. इसलिए यह भी कहा जा रहा है कि विधायक विकास निधि के लिए ही अजित पवार के साथ है.
जयंत पाटील को दिया पर्याप्त फंड
शरद पवार की एनसीपी के कट्टर विरोधी जयंत पाटील के मतदान क्षेत्र के लिए भी पवार ने पर्याप्त फंड दिया है. विपक्ष ने इस पर नाराजगी जताई है. उनका आरोप है कि उन्हें फंड नहीं दिया गया है. इस मामले को वे इस सप्ताह विधानमंडल के दोनों सदनों में उठाएंगे.
शिंदे गुट को फंड न मिलने का आरोप
महाविकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना विधायकों को पर्याप्त फंड नहीं देने का आरोप लगाते हुए पिछले साल एकनाथ शिंदे समेत 40 से ज्यादा शिवसेना विधायकों ने बगावत का बिगुल फूंका था. फिर बागी विधायकों ने अलग गुट बनाकर बीजेपी से हाथ मिला लिया और सरकार बना ली. लेकिन अब जब वह खुद बीजेपी, एनसीपी (अजित पवार गुट) के साथ सत्ता में है तब भी शिवसेना (शिंदे गुट) विधायकों को फंड न मिलने का आरोप लगाया जा रहा है.
फडणवीस ने क्या कहा?
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वित्त मंत्री अजित पवार ने विकास कार्यों के लिए विधायकों को धन आवंटित करते समय एनसीपी विधायकों को कोई विशेष तरजीह नहीं दी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी और शिवसेना विधायकों को भी फंड दिया गया है. यह कहना सही नहीं है कि केवल अजित पवार समर्थकों को ही धन आवंटित किया गया है.