Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली शिवसेना ने बीजेपी (BJP) पर प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल कर दिल्ली में आप सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि यह दिखाता है कि देश में लोकतंत्र के लिए 'ऑपरेशन लोटस' कितना खतरनाक है. शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर चिंतित है और शरद पवार, उद्धव ठाकरे, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी और नीतीश कुमार जैसे प्रतिद्वंद्वी नेताओं से डरी हुई है.
शिवसेना के मुखपत्र में लगाया गया है ये आरोप
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने गुरुवार को भाजपा पर आम आदमी पार्टी के 40 विधायकों को पक्ष बदलने के लिए 800 करोड़ रुपये की पेशकश करके उनकी सरकार गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया. भाजपा ने आरोप को खारिज किया. सामना में आरोप लगाया गया है कि "यह दिखाता है कि ऑपरेशन लोटस लोकतंत्र के लिए कितना खतरनाक है" सामना के संपादकीय में कहा गया है कि जांच एजेंसियों द्वारा छापेमारी और बदले की राजनीति भाजपा के सबसे बड़े हथियार थे. बीजेपी के विरोधी अक्सर 'ऑपरेशन लोटस' शब्द का इस्तेमाल करते हैं, जबकि उस पर विपक्षी दलों द्वारा चलाई जा रही राज्य सरकारों को गिराने के प्रयास करने का आरोप लगाते हैं. कमल भाजपा का चुनाव चिन्ह है. शिवसेना के मुखपत्र में आरोप लगाया गया है कि ईडी का इस्तेमाल कर केजरीवाल सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है.
दिल्ली के विधायक नहीं झुके- सामना
आगे सामना में कहा गया है कि सीएम एकनाथ शिंदे और शिवसेना के अन्य बागी विधायक केंद्रीय एजेंसियों के दबाव के आगे झुक गए, लेकिन दिल्ली में आप विधायकों ने ऐसा नहीं किया. इसमें कहा गया है कि ऑपरेशन लोटस बिहार और तेलंगाना में भी अमल में नहीं आया. इसमें यह कहा गया है कि भाजपा को मिला बहुमत "शुद्ध" नहीं था और "लूट" करके हासिल किया गया था. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट और शिंदे समूह के बीच सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई का जिक्र करते हुए अखबार ने कहा कि सेना को न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, लेकिन न्याय में देरी नहीं होनी चाहिए.