(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra Politics: असली बनाम नकली की लड़ाई में पास एकनाथ शिंदे के सामने एक और चुनौती! अब ऐसे होगी नैय्या पार?
Maharashtra के सीएम एकनाथ शिंदे, असली बनाम नकली की लड़ाई में पास हो गए हैं. हालांकि अब उनके सामने एक और चुनौती है. उसका मुकाबला वह कैसे करेंगे?
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने बाजी मार ली है. 24 नवंबर को संपन्न हुई मतगणना में शिंदे सेना को 57 सीटें मिलीं हैं. विधानसभा चुनाव में आये इस परिणाम के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना असली और नकली की लड़ाई में पास हो गई है.
बीते कुछ सालों में महाराष्ट्र की राजनीति में छोटे भाई की भूमिका में रही भारतीय जनता पार्टी को बहुमत सिर्फ 13 सीटें कम यानी 132 सीटें मिली हैं. ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या बीजेपी, एकनाथ शिंदे को बतौर मुख्यमंत्री स्वीकार करेगी? चुनाव परिणामों के बाद बीजेपी काडर के भीतर से यह आवाज उठ रही है कि मुख्यमंत्री, पार्टी से ही हो. इस रेस में कई नाम भी चल रहे हैं, जिसमें सबसे आगे देवेंद्र फडणवीस का नाम है.
अब प्रश्न यह उठ रहा है कि फिर एकनाथ शिंदे क्या करेंगे? जाहिर सी बात है कि ढाई साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे एकनाथ शिंदे अब उपमुख्यमंत्री की भूमिका में रहना पसंद नहीं करेंगे. ऐसे में उनके समक्ष इस भूमिका को अपने बेटे श्रीकांत शिंदे को देने का भी विकल्प है. यह विकल्प न सिर्फ पार्टी से संबंधित है बल्कि परिवारिक विरासत के लिए भी बेहतर हो सकता है.
उद्धव की राह चलेंगे एकनाथ शिंदे?
इस संदर्भ में एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए पत्रकार नवनीत मिश्रा ने कहा कि यह संभव है. महाराष्ट्र में असली बनाम नकली की लड़ाई एकनाथ शिंदे ने 24 नवंबर को जीत ली. चूंकि शिवेसना क्षेत्रीय पार्टी है ऐसे में उसके लिएअसली बनाम नकली की लड़ाई में लोकसभा से ज्यादा विधानसभा चुनाव के परिणाम मायने रखते हैं.
मिश्रा के मुताबिक शिंदे ने पहले चुनाव आयोग की अदालत में जीत हासिल की और अब जनता की अदालत का फैसला भी उनके पक्ष में है. पार्टी की विरासत की जंग तो उन्होंने जीत ली है लेकिन अब उनके सामने सियासत की विरासत का भी यक्ष प्रश्न है.
मिश्रा के अनुसार उद्धव ठाकरे की सियासी विरासत के वारिस आदित्य ठाकरे हैं. अब शिंदे भी चाहेंगे कि उनकी सियासत के वारिस उनके बेटे हों. ऐसे में वह श्रीकांत शिंदे को डिप्टी सीएम बनाकर राज्य की राजनीति में स्थापित कर सकते हैं.
बता दें श्रीकांत शिंदे अभी महाराष्ट्र की कल्याण लोकसभा सीट से सांसद हैं. 37 वर्षीय श्रीकांत 2014 और 2019 में भी सांसद चुने गये थे. 16वीं लोकसभा में श्रीकांत, सबसे युवा सांसदों में से एक थे.