Nagpur News: महाराष्ट्र के नागपुर जिले में एक जर्जर ग्राम विद्यालय को युवा पेशेवरों एवं व्यापारियों के प्रयास से आधुनिक रूप में तब्दील किया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि जब दो गैर सरकारी संगठनों (NGO) को हिंगना तालुका के सुकाली गांव में नागपुर जिला परिषद के प्राथमिक विद्यालय की जर्जर दशा के बारे में पता चला, तो उसे नया स्वरूप प्रदान किया गया.


स्कूल के नाम पर खड़े थे केवल दो कमरे


उन्होंने बताया कि तीन गांवों के पहली से पांचवीं तक की कक्षाओं के 200 बच्चों को पढ़ाई-लिखाई की सुविधा प्रदान करने वाले इस विद्यालय में केवल दो कमरे थे तथा इन बच्चों के लिए केवल शौचालय था और वह भी बंद पड़ा था. ऐसे में ‘नागपुर राउंड टेबल-83’ (एनआरटी-83) और ‘ब्रिज द गैप फाउंडेशन’ ने इस विद्यालय को यथासंभव सर्वश्रेष्ठ बुनियादी ढांचे एवं आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के बारे में सोचा. 


स्कूल निर्माण के पहले चरण का काम पूरा


इन दोनों एनजीओ ने जनवरी, 2022 में विद्यालय का आधुनिक सुविधाओं के साथ पुननिर्माण करने का निर्णय लिया और कानूनी औपचरिकताएं पूरी करने के बाद अगले ही महीने निर्माण कार्य शुरू हो गया. विद्यालय के निर्माण का पहला चरण पूरा हो गया है और आठ अक्टूबर को विद्यालय के नये भवन का उद्घाटन किया गया.


40 लाख में बदली स्कूल की तस्वीर


एनआरटी-83 के अध्यक्ष अभय अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमारे लिए, बस एक शौचालय एवं दो कमरे वाले इस विद्यालय का स्वरूप बदलना बड़ी जिम्मेदारी थी. पहले चरण में हमने भूतल पर तीन कमरों का निर्माण कराया. एक कमरे को कंप्यूटर लैब में तब्दील किया गया है और उसमें प्रोजेक्टर भी है. विद्यालय में लड़के एवं लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय हैं.’’ उन्होंने बताया कि यह विद्यालय भवन करीब 40 लाख रुपये की लागत से बना है और यह धनराशि कॉरपोरेट एवं व्यक्तिगत चंदे से जुटायी गयी है.


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