Maratha Reservation News: मुंबई के बांद्रा इलाके में एक 45 वर्षीय मराठा आरक्षण कार्यकर्ता ने बृहस्पतिवार तड़के कथित तौर पर अपनी जान दे दी और अपने सुसाइड नोट में समुदाय के लोगों से इस मुद्दे के लिए संघर्ष जारी रखने का आह्वान किया. एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी. अपने सुसाइड नोट में, सुनील कावले ने समुदाय के लोगों से 24 अक्टूबर को मुंबई में इकट्ठा होने का आह्वान किया और कहा कि अब ‘‘एकमात्र मिशन, पहले मराठा आरक्षण और उसके बाद चुनाव’’ है.


उन्होंने सुसाइड नोट में कहा, ‘‘मराठा समुदाय को 24 अक्टूबर को आरक्षण मिलेगा. हमें इकट्ठा होना चाहिए और केवल मराठा आरक्षण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.’’ अधिकारी ने बताया कि जालना जिले के अंबड़ तहसील के निवासी सुनील कावले का शव महानगर के पश्चिमी हिस्से में बांद्रा और बांद्रा कुर्ला परिसर (बीकेसी) के बीच एक फ्लाईओवर के खंभा संख्या-चार पर फंदे से लटका हुआ मिला.


अधिकारी ने बताया कि कावले ने पहले फ्लाईओवर पर बिजली के खंभे से खुद को बांधकर फंदा लगाया और फिर नीचे छलांग लगा दी. एक परिजन ने बताया कि कावले ने अपनी जीवन लीला समाप्त करने से कुछ समय पहले लगभग 12:45 बजे उन्हें फोन किया था, लेकिन नेटवर्क में गड़बड़ी के कारण बात नहीं हो सकी.


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उन्होंने कहा, ‘‘मैंने फोन अपने पास रखा और सोने चला गया. जब मैं उठा और कावले का ‘मोबाइल फोन स्टेटस’ देखा, तो मैंने वापस उन्हें फोन किया. हालांकि, कॉल का जवाब एक पुलिसकर्मी ने दिया, जिसने मुझे घटना के बारे में बताया और सायन अस्पताल पहुंचने के लिए कहा.’’ कावले के बेटे नागेश ने बताया कि उनके पिता ने मराठा आरक्षण के लिए अपनी जान दे दी और इस बात पर जोर दिया कि उनकी ‘‘कुर्बानी व्यर्थ नहीं जानी चाहिए.’’


भावुक नागेश ने कहा, ‘‘मेरे पिता निडर थे. वह पिछले कुछ वर्षों से मराठा आरक्षण के लिए लड़ रहे थे. मुझे उनके मोबाइल फोन स्टेटस से उनकी आत्महत्या के बारे में पता चला और फिर हम (सायन) अस्पताल आए.’’


जरांगे ने क्या कहा?
पुलिस अधिकारी ने बताया कि शव के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें लिखा है कि वह मराठा आरक्षण के लिए अपनी जिंदगी खत्म कर रहे हैं और कावले ने जो सफेद कमीज पहनी हुई थी उस पर आरक्षण की मांग को लेकर संदेश लिखा हुआ था. अधिकारी ने कहा, ‘‘मृतक, आरक्षण की मांग करने वाले मराठा क्रांति मोर्चा का सदस्य था और (उन्होंने) इस मांग को लेकर आयोजित हुई सभी 58 रैलियों में भाग लिया था.’’


उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर खेरवाड़ी पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. उधर, इस आत्महत्या पर मनोज जरांगे पाटिल ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार जिम्मेदार है. समाज में यह संदेश जा रहा है कि सरकार जानबूझकर आरक्षण नहीं दे रही है.