(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra: भारी बारिश के चलते रत्नागिरी और रायगढ़ जिले में बाढ़ के हालात, दो नदी खतरे के निशान से ऊपर
Maharashtra Flood: जिला प्रशासन के अनुसार, कुंडलिका और अंबा नदियों में जल स्तर ‘चेतावनी’ के निशान तक पहुंच गया है, जबकि गढ़ी और उल्हास सुबह तक चेतावनी निशान के करीब बह रही थीं.
Maharashtra News: महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में रातभर हुई भारी बारिश के चलते कई नदियां उफान पर हैं, जिससे बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं और कई कस्बों एवं गांवों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा जा चुका है. स्थानीय अधिकारियों ने बुधवार (19 जुलाई) को यह जानकारी दी. अगले कुछ दिनों तक महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है.
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने वशिष्ठी नदी के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए अधिकारियों को रत्नागिरी जिले के चिपलुन कस्बे के विभिन्न हिस्सों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया है. अधिकारियों ने बताया कि रायगढ़ जिले की छह प्रमुख नदियों में से सावित्री और पातालगंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
नदियों का जल स्तर बढ़ने से परेशानी खड़ी हो गई है
जिला प्रशासन के अनुसार, कुंडलिका और अंबा नदियों में जल स्तर ‘चेतावनी’ के निशान तक पहुंच गया है, जबकि गढ़ी और उल्हास सुबह तक चेतावनी निशान के करीब बह रही थीं. मूसलाधार बारिश के कारण पातालगंगा नदी का पानी आपटा और रसायनी में घुस गया है. सावित्री नदी के पानी से महाड के निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि रत्नागिरी जिले में नदियों का जल स्तर बढ़ने से परेशानी खड़ी हो गई है. वशिष्ठी ‘चेतावनी’ के निशान से ऊपर बह रही है.
दो साल पहले भी वशिष्ठी नदी ने तबाही मचाई थी
उपमुख्यमंत्री पवार ने मुंबई में एक समीक्षा बैठक के बाद रत्नागिरी के जिलाधिकारी एम देवेंद्र सिंह के साथ स्थिति पर चर्चा की. पवार ने सिंह से वशिष्ठी नदी के पास रहने वाले लोगों को स्थानांतरित करने के लिए कहा. अधिकारियों ने बताया कि रत्नागिरी में लगभग 20 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. मिर्जोली जुवाड गांव में 19 परिवारों के 65 सदस्यों को सुरक्षित निकाला गया. दो साल पहले भी वशिष्ठी नदी ने तबाही मचाई थी. तब कई लोगों की मौत हो गई थी और बड़े पैमाने पर संपत्ति को नुकसान हुआ था.
जिला प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं
अधिकारियों ने बताया कि खेड़ और चिपलुन में नगर निकाय और जिला प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. जरूरत को देखते हुए लोगों को निकालने के लिए नावें तैयार रखी हैं. उन्होंने बताया कि भारी बारिश और नदियों में बढ़ते जल स्तर के चलते रत्नागिरी जिले की खेड़ और चिपलुन तहसील में स्कूल और कॉलेज दो दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं. एक अधिकारी ने बताया कि अंबेनाली और कुंभरली घाटों में भूस्खलन की सूचना है एवं वहां मलबा हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं. कुंभरली घाट में यातायात धीरे-धीरे बहाल किया जा रहा है.
महाराष्ट्र में NDRF कि 12 टीम तैनात की हैं
कोंकण रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि इस खंड में ट्रेन सेवाएं सामान्य हैं. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने बताया कि उसने पूरे महाराष्ट्र में 12 टीम तैनात की हैं. मुंबई में पांच और पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी, कोल्हापुर, सांगली, नागपुर और ठाणे जिलों में एक-एक टीम तैनात हैं. एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने कहा कि भारी बारिश की चेतावनी के कारण चिपलुन, पालघर और महाड में एक-एक टीम पहले से तैनात कर दी गई है.
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