Resident Doctor Strike in Maharashtra: उपमुख्यमंत्री अजित पवार के अपील करने के बाद राज्य रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली. रेजिडेंट डॉक्टरों की वेतन में 10 हजार रूपए की बढ़ोतरी भी शामिल है. निश्चित समय पर नियमित शिक्षण शुल्क, छात्रावासों की तत्काल मरम्मत होगी. उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में मंत्रालय स्थित उनके सभाकक्ष में आज केंद्रीय MARD संगठन की मांगों को लेकर बैठक हुई. आज शाम 5 बजे से यह हड़ताल शुरू होने वाली थी जिसमें केवल इमरजेंसी सेवाएं शुरू रहने वाली थी लेकिन आज उपमुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा अपील के बाद यह हड़ताल वापस ले ली गई हैं.
डॉक्टरों ने खत्म की हड़ताल
महाराष्ट्र में रेजिडेंट डॉक्टरों ने बुधवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया था. विरोध प्रदर्शन के कारण राज्य में ओपीडी सेवाएं प्रभावित होने की भी आशंका थी. डॉक्टरों की ये मांग थी कि, उन्हें बेहतर छात्रावास आवास मिले, स्टाइपेंड में बढ़ोतरी हो और बकाया राशि का भुगतान हो. अब डॉक्टरों ने डिप्टी सीएम अजित पवार की अपील के बाद अपनी हड़ताल खत्म कर दी है.
रेजिडेंट डॉक्टरों की ये है प्रमुख मांगें
रेजिडेंट डॉक्टरों को दिया जाने वाला स्टाइपेंड हर महीने की 10 तारीख तक उनके खाते में जमा किया जाना चाहिए.
रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए छात्रावास सुविधाओं का पर्याप्त प्रावधान किया जाना चाहिए.
रेजिडेंट डॉक्टरों को दिया जाने वाला स्टाइपेंड केंद्रीय संस्थानों में दिए जाने वाले स्टाइपेंड के बराबर होना चाहिए.
डॉक्टरों की हड़ताल पर मुश्रीफ
रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल पर जाने की घोषणा पर हसन मुश्रीफ ने भी डॉक्टरों से हड़ताल वापस लेने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा था, इस पर हमारी मीटिंग हो चुकी है. मैंने सभी राज्यों के मेडिकल कॉलेजों के प्रमुखों को अपने तत्काल आवास के लिए भवन किराए पर लेने का भी सुझाव दिया है. उनकी सैलरी को लेकर अगले हफ्ते उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ बैठक रखी गई है. मुश्रीफ ने कहा है कि यह मांग भी जल्द पूरी की जाएगी.