Richest Person of Maharashtra: जिस व्यक्ति के पास धन होता है वह धनवान कहलाता है. इस अपार संपत्ति से वह कभी-कभी कुछ सामाजिक गतिविधियों के लिए दान कर देते हैं. महाराष्ट्र में ऐसे हजारों अमीर हैं. हालांकि इन सब से अलग एक और अमीर आदमी सामने आया है. यह अमीर व्यक्ति एक साधारण खेतिहर मजदूर है. हालांकि, इस भावना के साथ कि उनके पास समाज को देने के लिए कुछ है, उन्होंने कई लोगों की मदद की है. 


कौन हैं आत्माराव सोनवणे?
महाराष्ट्र में सबसे अमीर आदमी एक खेतिहर मजदूर है. वह अपनी पत्नी के साथ मिलकर साल भर दूसरे लोगों के खेतों में काम करके पैसा कमाते हैं. उस पैसे से उन्होंने इस साल गांव के सरकारी स्कूल को एक लाख रुपए दान किए हैं. पिछले साल 35 हजार बिजली के उपकरण लगाए गए हैं. लिहाजा पिछले सात सालों से 600 छात्रों को उनके दिवंगत बेटे की याद में खाना खिलाया जा रहा है. गांव में पुस्तकालय चलाया जाता है. महाराष्ट्र के इस अमीर शख्स का नाम आत्माराव सोनवणे है और ये उस्मानाबाद जिले के खम्सवाड़ी गांव में रहते हैं. 


न नौकरी न जमी, लेकिन दिल से अमीर
आत्माराव सोनवणे खमसवाड़ी गांव के एक मकान के तीन कमरों में रहते हैं. उनके पास जमीन का एक टुकड़ा भी नहीं है. उनके पास सरकारी नौकरी भी नहीं है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहली बार है जब गांव के किसी व्यक्ति ने इस तरह का चंदा दिया है. पिछले साल सोनवणे ने 40 हजार रुपए खर्च कर स्कूल में लाइट फिटिंग कराई है. गांव के सभी स्कूलों में प्रतियोगिता के माध्यम से छात्र-छात्राओं को पुरस्कार वितरित किए गए. घर में एक पुस्तकालय शुरू किया गया है. यह सब कृषि श्रम के माध्यम से खर्च होता है.


बेटे गोपाल का निधन
सोनवणे के बेटे गोपाल का 2016 में निधन हो गया था. गोपाल दरबार में नौकर था. उसके जाने के बाद से, आत्माराव सोनवणे ने लड़के को एक सरकारी स्कूल में गोद ले लिया है. गोपाल के दोस्त गांव में हैं. उनमें से एक वाजिद अत्तर की वेल्डिंग की दुकान है. वहीं अब जो बैग स्कूल को दान के रूप में दिए जा रहे हैं, उसे बनाया जा रहा है.


दुनिया में कई ऐसे हैं लोग हैं जिनके पास करोड़ों रुपये हैं. सोनवणे के पास कुछ नहीं है. न खेत, न नौकरी, न उद्योग. हालात से गरीब लेकिन दिल से अमीर है ये खेतिहर मजदूर. यह काम महाराष्ट्र का सबसे अमीर आदमी ही कर सकता है.


ये भी पढ़ें: Aurangabad: 'उस्मानाबाद को 'धाराशिव' नाम देने पर कोई आपत्ति नहीं', केंद्र सरकार ने कोर्ट को दी जानकारी