Sanjay Raut Custody Extended: धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना (Shiv Sena) सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) की न्यायिक हिरासत 5 सितंबर तक बढ़ा दी है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राउत को 1 अगस्त को मुंबई के उत्तरी उपनगरों में एक पुनर्विकास परियोजना से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. राउत आठ दिनों के लिए ईडी की हिरासत में थे, जब उन्हें 9 अगस्त को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था, जब ईडी ने कहा था कि उनकी और हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है.
राउत की पत्नी से भी हुई है पूछताछ
राउत को अपने सह आरोपी प्रवीण राउत से कांदिवली में पात्रा चॉल की पुनर्विकास परियोजना से अपराध की आय प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने शुरू में दावा किया था कि राउत के परिवार को 1.06 करोड़ रुपये 'प्रत्यक्ष लाभार्थी' के रूप में मिले थे और बाद में दावा किया कि 2.25 करोड़ रुपये के नए निशान का पता चला था. राउत ने आरोपों से इनकार किया है. ईडी ने राउत की पत्नी वर्षा से भी अपने कार्यालय में पूछताछ की.
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क्या है पात्रा चॉल केस?
शिवसेना नेता संजय राउत पात्रा चॉल जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे हैं. पात्रा चॉल लैंड स्कैम की शुरूआत 2007 से हुई. आरोप है कि महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डिवलपमेंट अथॉरिटी यानी MHADA के साथ प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की मिलीभगत से घोटाले को अंजाम दिया गया. म्हाडा ने पात्रा चॉल के रिडेवलपमेंट का कार्य गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया था. इसमें 1034 करोड़ के घोटाले का आरोप है. संजय राउत के दोस्त प्रवीण राउत इस मामले में आरोपी हैं. कंस्ट्रक्शन कंपनी पर चॉल के लोगों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है. ये कंपनी प्रवीण राउत की है. पात्रा चॉल में 3 हजार फ्लैट बनाए जाने थे. 672 फ्लैट चॉल के निवासियों को मिलने थे. प्राइवेट बिल्डरों को जमीन बेचने का आरोप है.
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