Satellite Tag Turtle: मुंबई (Mumbai) में प्रथमा नाम के एक ऑलिव रिडले समुद्री कछुआ, जिसे सैटेलाइट टैग के साथ सबसे पहले बांधा गया है, ने संकेतों को प्रसारित करना बंद कर दिया है. गुरुवार को एक ट्वीट में, मैंग्रोव फाउंडेशन ने कहा, "हमने 25 जनवरी, 2022 को वेलास, रत्नागिरी में टैग किए गए कछुए 'प्रथमा' का सिग्नल खो दिया है. हमें संदेह है कि उपग्रह ट्रांसमीटर की प्रसारण की विफलता के कारण ट्रांसमिशन बंद हो गया होगा." पिछले चार महीनों में प्रथमा ने 2,700 किमी की दूरी तय की. उसने 24 मई को अचानक सिग्नल ट्रांसमिट करना बंद कर दिया. इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि ट्रांसमीटर खराब हो गया है.


पूरे डेटा का अभी तक हो रहा है विश्लेषण


मैंग्रोव फाउंडेशन के मानस मांजरेकर ने कहा कि इसकी बहुत कम संभावना है कि वह मर गई होगी. ज्यादातर मामलों में यह ट्रांसमीटर की विफलता ही होती है." प्रथमा ने महाराष्ट्र के जल से गुजरात तक जल में यात्रा की, फिर वह वापस मुड़ी और महाराष्ट्र के जलक्षेत्र में प्रवेश कर गई. उसका अंतिम सिग्नल सिंधुदुर्ग जिले में कुंकेश्वर के तट से 60 किमी दूर था. मांजरेकर ने कहा कि उसकी चाल का पैटर्न दक्षिण की ओर था. गुजरात की ओर बढ़ने से पहले, उसने दाभोल क्रीक में काफी समय बिताया.


उन्होंने कहा, "यह संभव है कि वह भोजन के लिए इधर-उधर भटक रही हो और नदी के मुहाने के पास बहुत सारा भोजन हो. वह गुजरात के पानी में भी काफी देर तक घूमती रही थी." डेटा का अभी भी भारतीय वन्यजीव संस्थान के एक वैज्ञानिक द्वारा विश्लेषण किया जा रहा है और विश्लेषण पूरा होने के बाद एक स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी.


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कछुओं की जीवनशैली को समझने के लिए उठाया गया था ये कदम


इस साल जनवरी और फरवरी में, पांच ओलिव रिडले कछुओं को पहली बार पश्चिमी तट पर उपग्रह-टैग किया गया था. उद्देश्य उनकी जीवन शैली को बेहतर ढंग से समझने के लिए एक वर्ष तक उनकी गतविधि का अध्ययन करना था. दाभोल में, जहां प्रथमा ने एक सप्ताह बिताया, वहां इस बात के प्रमाण हैं कि वह घोंसले में आई थी, लेकिन बहुत अधिक मलबा होने के कारण उसने अंडे नहीं दिए.


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