Maharashtra Politics: एनसीपी के संस्थापक और महाराष्ट्र की राजनीति के दिग्गज नेता शरद पवार के परिवार में अब दो गुट हो गए हैं. लोकसभा चुनाव से पहले भी बारामती में राजनीति दो धड़ों में बंटी हुई नजर आ रही थी. हालांकि लोकसभा चुनाव में यहां के लोगों को महत्व देकर यह दिखाया गया कि वे शरद पवार के पक्ष में हैं. इसके बाद अब सभी राजनीतिक दल आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं.
इस बीच, पंढरी में इस साल के पंधारीची वारी उत्सव पर राजनीतिक रंग भी चढ़ा हुआ है. आगामी चुनावों की पृष्ठभूमि में राजनीतिक नेता प्रचार अभियान में हिस्सा लेकर लोगों का दिल जीतने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, बारामती में तख्तियां लगाई गई हैं. जिनमें दावा किया गया है कि बारामती राजनीति का केंद्र है.
शरद पवार परिवार का संयुक्त बैनर
ऐसा देखा गया है कि महाराष्ट्र की राजनीति हमेशा बारामती यानी शरद पवार के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है. इसलिए, बारामती की राजनीतिक घटनाएं देश भर में चर्चा का विषय हैं. अब, पवार परिवार में राजनीतिक विभाजन के बाद यहां की स्थानीय राजनीति बदल गई है. हालांकि, वारी की पालखी समारोह के अवसर पर, पवार परिवार के राजनीतिक नेताओं का संयुक्त बैनर प्रदर्शित किया गया है. फिलहाल यह बैनर सोशल मीडिया के साथ-साथ बारामती में भी खूब चर्चा में है.
राजनेताओं का स्वागत
हालांकि राजनीति की दृष्टि से बारामती दो ग्रुप में विभाजित है, लेकिन बारामती के लोगों के लिए वे सभी एक हैं. बारामती में जलाए गए बैनर से कुछ ऐसा ही संदेश दिया गया है. यह पट्टिका तुकोबारया की पालकी समारोह के स्वागत के अवसर पर बारामती शहर में लगाई गई है. इस बोर्ड का कंटेंट है 'राजनेताओं का स्वागत है'.
इस बोर्ड पर तीर्थयात्रियों का स्वागत करते हुए पूरे पवार परिवार की तस्वीरें एक साथ लगी हुई हैं. इसमें एक लाइन में शरद पवार, अजित पवार और रोहित पवार की फोटो की है, जबकि एक लाइन में सुप्रिया सुले, सुनेत्रा पवार की फोटो की दिख रही है. साथ ही सबसे ऊपर बा विट्ठल की फोटो दिखाई दे रही है.
पवार परिवार एक साथ!
इस समय देश और राज्य की राजनीति में हालात बदल गए हैं और पवार परिवार में दो गुट हो गए हैं. तो, राजनीतिक मुकाबला शरद पवार बनाम अजित पवार है. हालांकि ये कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि इस फोटो के मौके पर एक बार फिर से पवार परिवार एक साथ नजर आया. इस बीच, बारामती में पालकी के विश्राम के बाद सुप्रिया सुले और सुनेत्रा पवार के आरती के लिए एक साथ आने की उम्मीद है.
ये भी पढ़ें:
पार्टी छोड़ कर गए नेताओं को संजय राउत का साफ जवाब, 'हम किसी भी साथी को...'