Mumbai News: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के नोटिस को मंजूरी देने पर गुरुवार को आपत्ति जताई है. शरद पवार (Sharad Pawar) ने इसके लिए एक के बार एक कई ट्वीट किए.


15 सदस्यीय विशेषाधिकार समिति का है मामला
जानकारी हो कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बीजेपी के विधायक राहुल कुल की अध्यक्षता में बुधवार को 2023-24 के लिए सदन की 15 सदस्यीय विशेषाधिकार समिति का गठन किया था. समिति में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के तीन, कांग्रेस के दो, सत्तारूढ़ गठबंधन का समर्थन करने वाले दो निर्दलीय विधायक, एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के दो और बीजेपी के छह विधायक शामिल हैं.


जानें, संजय राउत ने क्या कहा था?
गौरतलब है कि विशेषाधिकार समिति में शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े के किसी भी विधायक को जगह नहीं मिली थी. दरअसल, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने विधानमंडल को कथित तौर पर चोर मंडल कहा था. संजय राउत के इस बयान के बाद विधानमंडल में जमकर बवाल हुआ था. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने राउत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस को मंजूरी दे दी थी.


शरद पवार ने किए कई ट्वीट
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता को ही न्याय प्रदान करने का काम सौंप दिया गया है. उन्होंने कहा कि राउत के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करने वाले सदस्य विशेषाधिकार समिति का हिस्सा हैं. इनसे कोई न्याय की उम्मीद भी कैसे कर सकता है. शरद पवार ने कहा कि संजय राउत की टिप्पणियों के सभी पहलुओं को समझने की जरूरत है. 


अजित पवार ने की थी पुनर्गठन की मांग
बता दें विशेषाधिकार समिति में उद्धव ठाकरे गुट के किसी विधायक को जगह नहीं दी गई है. इस पर अजित पवार ने बुधवार को कहा था कि राउत के खिलाफ विधायक अतुल भटकलकर ने नोटिस दिया है, जो कि खुद विशेषाधिकार समिति के सदस्य हैं. अजित पवार ने विधानसभा में कहा था कि विशेषाधिकार समिति का पुनर्गठन किया जाना चाहिए और इसका मौजूदा स्वरूप नियमों के लिहाज से ठीक नहीं है. यह न्यायसंगत भी नहीं है.


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