Uddhav Thackeray on Rahul Narvekar: उद्धव ठाकरे गुट से खबर है कि शिवसेना विधायकों की अयोग्यता को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस का ठाकरे गुट जवाब नहीं देगा. 16 विधायकों की अयोग्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने शिवसेना के दोनों गुटों के विधायकों को नोटिस भेजकर 14 दिन के भीतर जवाब देने को कहा है. हालांकि, समय सीमा खत्म होने के बाद भी ठाकरे समूह ने इस नोटिस का जवाब नहीं दिया. इस बीच शिंदे की शिवसेना ने विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस का जवाब दिया है.


क्या है मामला?
हमने शिवसेना के शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता को लेकर कार्रवाई की मांग की है. इसलिए, ठाकरे समूह ने राय व्यक्त की है कि केवल 16 विधायकों को नोटिस का जवाब देने की आवश्यकता नहीं है. इसलिए, ठाकरे गुट ने यह रुख अपनाया है कि शिवसेना के बाकी दोनों गुटों के विधायकों को नोटिस का जवाब देने की कोई जरूरत नहीं है. 


एबीपी माझा के अनुसार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए ठाकरे समूह की याचिका विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी गई है. इसके लिए ठाकरे ग्रुप कई बार रिमाइंडर भी दे चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि विधायकों की अयोग्यता पर विधानसभा स्पीकर फैसला लें. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने एकनाथ शिंदे और अन्य अमदारों को नोटिस दिया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विधानसभा अध्यक्ष को फैसला लेने के लिए 90 दिन का समय दिया गया है.


ठाकरे गुट का दावा
जुलाई की शुरुआत में ठाकरे ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि राष्ट्रपति को विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं पर जल्द सुनवाई करने का निर्देश दिया जाए. याचिका में दावा किया गया कि राहुल नार्वेकर जानबूझकर सुनवाई में देरी कर रहे हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई के अपने फैसले में स्पीकर को याचिकाओं पर समयबद्ध तरीके से फैसला करने का निर्देश दिया था.


ठाकरे समूह की ये है मांग 
ठाकरे समूह ने मांग की थी कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ आए विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई की जानी चाहिए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस संबंध में निर्णय लेने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष का है. हालांकि तीन महीने से सुनवाई चल रही है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने कोई फैसला नहीं लिया है. इसलिए, ठाकरे समूह ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच के सामने सुनवाई हुई. याचिका में राष्ट्रपति से तत्काल निर्णय लेने का अनुरोध किया गया है.

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