Maharashtra Politics: शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों की तरफ से दायर अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष शिवसेना (यूबीटी) का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील असीम सरोदे ने मंगलवार को कहा कि सुनवाई सप्ताहांत पर भी होनी चाहिए क्योंकि फैसला लेने की समय सीमा 31 दिसंबर नजदीक आ रही है. सरोदे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि अविभाजित शिवसेना के मुख्य सचेतक (जो अब ठाकरे गुट के साथ हैं) सुनील प्रभु से जिरह मंगलवार को भी जारी रही.


क्या बोले उद्धव गुट के वकील?
उन्होंने कहा, “सुनवाई शनिवार और रविवार को भी होनी चाहिए. दो दिन और सुनवाई होनी चाहिए क्योंकि (महाराष्ट्र विधानमंडल का) शीतकालीन सत्र अगले महीने शुरू होने वाला है.” उच्चतम न्यायालय के निर्देश के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को 31 दिसंबर तक अपना फैसला सुनाना है.


महाराष्ट्र विधान सचिवालय (Maharashtra Legislative Secretariat) ने शिवसेना विधायकों की अयोग्यता की सुनवाई के कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया है, जिसकी कार्यवाही 13 अक्टूबर से 23 नवंबर के बीच होगी. अंतिम सुनवाई उसके दो सप्ताह बाद निर्धारित है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाले शिवसेना गुटों द्वारा प्रस्तुत तर्कों के बाद, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सोमवार को फैसला किया कि आधिकारिक सुनवाई 13 अक्टूबर से शुरू होगी.


अब कब होगी शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले की सुनवाई?
सभी याचिकाओं के एकीकरण के संबंध में प्रारंभिक सुनवाई भी 13 अक्टूबर को होनी है. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह के बाद पिछले साल जून में शिवसेना के भीतर विभाजन हुआ था, जिन्होंने तब भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से मुख्यमंत्री का पद संभाला था. जनता पार्टी (भाजपा). परिणामस्वरूप उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार सत्ता से बाहर हो गई.


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