Shiv Sena MLA Case: अंतिम चरण में शिवसेना विधायकों की अयोग्यता का मामला? आज से दोनों गुटों के वकील पेश करेंगे दलील
Shiv Sena MLA Disqualification Case: महाराष्ट्र में शिवसेना विधायकों की अयोग्यता का मामला अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. आज से दोनों गुटों के वकील अपनी-अपनी दलील पेश करेंगे.
Maharashtra Shiv Sena MLAs Disqualification Case: शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले की सुनवाई अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है. इस मामले में अंतिम चरण की सुनवाई कल यानी 18 दिसंबर से शुरू होगी. महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर के सामने तीन दिन तक सुनवाई चलेगी. शिवसेना ठाकरे ग्रुप (शिवसेना यूबीटी) और शिंदे ग्रुप (शिवसेना शिंदे ग्रुप) के वकील डेढ़-डेढ़ दिन तक बहस कर सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को 10 जनवरी तक नतीजे घोषित करने की इजाजत दे दी है. पहले 31 दिसंबर तक की डेडलाइन दी गई थी.
जनवरी में आ जाएंगे फैसले?
ABP माझा के मुताबिक, आम तौर पर डेढ़ साल से अधिक समय तक महाराष्ट्र मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि उद्धव ठाकरे के बीच चल रहा विधायक अयोग्यता विवाद अगले साल की शुरुआत में सुलझ जाएगा. शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले में अंतिम सुनवाई कल से शुरू होगी. सुबह के सत्र की अंतिम सुनवाई कल सुबह 8:30 बजे शुरू होगी. दूसरे सत्र की अंतिम सुनवाई राष्ट्रपति के कार्य समय के अनुसार दोपहर में होगी. अंतिम सुनवाई विधानसभा अध्यक्ष 18, 19 और 20 दिसंबर के बीच करेंगे.
बहस पूरी होने के बाद अंतिम सुनवाई
शिवसेना के दोनों गुटों की जिरह और लिखित बहस पूरी होने के बाद अब अंतिम सुनवाई शुरू होगी. विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष इस मामले की सुनवाई का यह आखिरी चरण होगा. इसके बाद 10 जनवरी तक विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इन सभी मामलों का फैसला सुनाये जाने की उम्मीद है.
शिंदे गुट के विधायकों का दावा
देवदत्त कामत ने शिंदे गुट के विधायकों से जिरह की. कामत से जिरह में शिंदे गुट के विधायकों ने कहा था कि उन्हें व्हिप नहीं मिला है. कामत ने यह बताने की कोशिश की कि उन्हें शिंदे गुट के विधायक गुमराह कर रहे हैं. शिंदे विधायक भरत गोगवले, उदय सामंत, योगेश कदम, दीपक केसरकर, दिलीप लांडे और सांसद राहुल शेवाले से जिरह की गई. इनमें से कुछ विधायकों ने दावा किया कि वे ठाकरे समूह की बैठक में मौजूद नहीं थे और दावा किया कि उन्होंने किसी दस्तावेज या प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए.