MLAs Disqualification Case: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उनके खेमे के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने में चार महीने की देरी पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narwekar) को कड़ी फटकार लगाए जाने के कुछ दिनों बाद अध्यक्ष ने सोमवार को दोनों गुटों की बात सुनने के बाद 13 अक्टूबर को आधिकारिक सुनवाई होनी तय की.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी कड़ी फटकार
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके खेमे के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने में चार महीने की देरी पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को कड़ी फटकार लगाए जाने के कुछ दिनों बाद अध्यक्ष ने सोमवार को दोनों गुटों की बात सुनने के बाद 13 अक्टूबर को आधिकारिक सुनवाई होनी तय की.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये निर्देश
शिंदे गुट के साथ गठबंधन करने वाले विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय लेने में स्पीकर द्वारा अपने पैर खींचने के बाद शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने 18 सितंबर को टिप्पणी की कि स्पीकर को शीर्ष अदालत की गरिमा का पालन करना होगा और उन्हें एक सप्ताह की अवधि के भीतर याचिकाओं पर सुनवाई करने का निर्देश दिया था.
उद्धव गुट ने लगाये थे ये आरोप
मई में एक संविधान पीठ ने निर्देश दिया था कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को शिंदे सहित शिवसेना विधायकों के खिलाफ "अयोग्यता याचिकाओं पर उचित समय में फैसला करना चाहिए." शिवसेना-यूबीटी नेता सुनील प्रभु ने 4 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि स्पीकर एकनाथ शिंदे को अवैध रूप से मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने में देरी कर रहे हैं.
उद्धव ठाकरे गुट की ये है मांग
शिवसेना (UBT) की ओर से विधानसभा अध्यक्ष के सामने दायर सभी याचिकाओं पर संयुक्त सुनवाई करने का अनुरोध किया गया है. उनके वकीलों का कहना है, चूंकि इन सभी याचिकाओं का विषय एक ही है, इसलिए इन पर सुनवाई करना आसान होगा. ठाकरे गुट की ओर से दलील दी गई कि अनुसूची 10 के अनुसार संयुक्त सुनवाई की जानी चाहिए और तुरंत निर्णय लिया जाना चाहिए.