Maharashtra: असली शिवसेना को लेकर छिड़ी राजनीतिक जंग के बीच उद्धव ठाकरे का बड़ा बयान, कह दी ये बात
Maharashtra के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि विधायक दल और मैदान में पंजीकृत राजनीतिक दल के बीच एक बड़ा अंतर है. कितने भी विधायक चले जाएं, पार्टी का अस्तित्व समाप्त नहीं होगा.
Maharashtra News: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Maharashtra Chief Minister Eknath Shinde) और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) की नई सरकार को चुनौती देते हुए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Shiv Sena President Uddhav Thackeray) ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी चुनावों का सामना करने और लोगों की अदालत में जाने के लिए तैयार है. साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी के प्रतिष्ठित चुनाव चिन्ह धनुष और तीर को नहीं छीन सकता है. आंतरिक विद्रोह के बाद शिवसेना को कमजोर करने वाली हालिया तबाही का जिक्र करते हुए ठाकरे ने कहा कि आम जनता इन (राजनीतिक) खेलों को पसंद नहीं करती है.
शिंदे-फडणवीस सरकार पर साधा निशाना
शिवसेना प्रमुख ने कहा, "लोग एक ही सवाल पूछ रहे हैं - उन्होंने (बागियों ने) ऐसा व्यवहार क्यों किया, जबकि पार्टी ने उन्हें इतने पद दिए, उनके लिए बहुत कुछ किया. कल कई महिला कार्यकर्ताओं की आंखों में आंसू थे. मैं तहे दिल से जनता का शुक्रिया अदा करता हूं." उन्होंने शिंदे-फडणवीस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "चुनाव होने दें. अगर हमने गलती की है, तो जनता हमें वोट नहीं देगी, हम उनके जनादेश को स्वीकार करेंगे और हम वापस बैठेंगे."
विद्रोह के बाद बुरा लगा-उद्धव
20 जून के विद्रोह पर, जिसके कारण उनकी अगुवाई वाली 31 महीने पुरानी महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई. ठाकरे ने कहा कि अब जो कुछ भी हुआ है, वह ढाई साल पहले भी हो सकता है, सम्मान के साथ और बिना हजारों करोड़ रुपए खर्च किये. ठाकरे ने स्वीकार किया कि उन्हें भी शिवसेना के 40 विधायकों के विद्रोह के बाद बुरा लगा था, जिसके कारण 30 जून को शिंदे-फडणवीस की भारतीय जनता पार्टी समर्थित सरकार सत्ता में आई थी.
कोई पार्टी से संबंधित कुछ नहीं चुरा सकता-उद्धव
ठाकरे ने अपने घर मातोश्री में एक मीडिया सम्मेलन में दोहराया, वे (विद्रोही) ठाकरे को निशाना बनाने वालों के खिलाफ चुप रहे, मेरे परिवार और मेरे खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया लेकिन अब, वे जाकर उन्हीं लोगों की गोद में बैठ गए हैं. कुछ विद्रोहियों द्वारा मीडिया की अटकलों और दावों को खारिज करते हुए ठाकरे ने कहा कि कोई भी पार्टी से संबंधित कुछ भी नहीं चुरा सकता है या नहीं ले सकता है, जिसमें इसके प्रसिद्ध धनुष और तीर चुनाव चिन्ह भी शामिल हैं.
अस्तित्व समाप्त नहीं होगा-उद्धव
ठाकरे ने कहा, वे लोग भ्रम फैला रहे हैं. विधायक दल और मैदान में पंजीकृत राजनीतिक दल के बीच एक बड़ा अंतर है. कितने भी विधायक चले जाएं, पार्टी का अस्तित्व समाप्त नहीं होगा, लोगों में एक गलत धारणा बनाई जा रही है. पूर्व सीएम ने कहा कि उन्होंने पहले ही शीर्ष कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ली है, जिन्होंने आश्वासन दिया है कि पार्टी का धनुष और तीर का चिन्ह शिवसेना का है और रहेगा. उन्होंने उन 16 विधायकों की भी सराहना की जो सभी प्रकार की धमकियों के बावजूद उनके साथ रहे, लेकिन वे सत्यमेव जयते में विश्वास के साथ अडिग रहे और एक साथ डटे रहे.
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पार्षदों के इस्तीफे पर क्या कहा
ठाकरे ने कहा कि 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस बात का संकेत देगा कि इस देश में लोकतंत्र किस दिशा में जाएगा. उन्होंने कहा, "निर्णय बहुत महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि यह संविधान को बनाए रखने पर फैसला करेगा. हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है." नवी मुंबई और ठाणे के लगभग 100 पूर्व नगर पार्षदों का जिक्र करते हुए, जिन्होंने शिंदे समूह में शामिल होने के लिए इस्तीफा दे दिया है. ठाकरे ने कहा कि वे शायद चिंतित हो सकते हैं कि उन्हें अगले नागरिक चुनावों के लिए टिकट से वंचित कर दिया जाएगा और इसलिए निर्णय लिया.
शिवसेना अभी भी मजबूत-उद्धव
ठाकरे ने कहा कि 56 वर्षीय शिवसेना अभी भी मजबूत है और उन दिनों को याद किया जब उन्होंने एक विधायक के साथ शुरूआत की थी, फिर धीरे-धीरे राज्य में सरकार बनाने के लिए बढ़े, सामान्य श्रमिकों को अवसर देकर उन्हें उच्च पदों से पुरस्कृत किया गया. उन्होंने कहा, "पार्षद भले ही चले गए हों, लेकिन नगर निगम अभी भी हैं. जब तक लोग शिवसेना के साथ हैं, कोई खतरा नहीं है."