Maharashtra News: शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार (19 अगस्त) को कहा कि तीन साल पहले महाराष्ट्र की पिछली उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने अपराध को लेकर दो बिल पारित किया था. उन्होंने कहा कि इस बिल को जल्द से जल्द मंजूरी देने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखा है.
राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बताया कि रक्षाबंधन के शुभ अवसर मैंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिख कर इन बिलों को शीघ्र मंजूरी देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इन बिलों को उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा में तीन साल पहले मंजूरी दी थी, हालांकि तब अब तक इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार है.
महाराष्ट्र सरकार के बिला में क्या है विशेष?
इन बिलों को लेकर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि रक्षाबंधन के खास मौके पर यह प्रदेश और देश की महिलाओं के लिए सबसे स्पेशल गिफ्ट होगा. इस बिल को दिसंबर 2021 में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर लगाम लगाने के लिए (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक- 2020 ध्वनिमत से पारित किया था. इस बिल में महिलाओं बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध के कड़ी सजा का प्रावधान है.
इस बिल में रेप के लिए मौत की सजा प्रावधान है, इसी तरह से महिलाओं पर एसिड से हमला करने और बच्चों से यौन उत्पीड़न करने के मामले में सजा की न्यूनतम अवधि में वृद्धि की गई है. इसके अलावा बिल में जांच की समय सीमा को भी निर्धारित किया गया है. इसके तहत केस रजिस्टर्ड होने के 30 दिनों तक जांच पूरी करनी की समय सीमा तय की गई है.
'भारत में महिलाओं के खिलाफ हर घंटे 51 अपराध'
राषट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में प्रियंका चतुर्वेदी ने कोलकाता की घटना का भी जिक्र किया. इसमें उन्होंने कहा, "बीते दिनों आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पीजी सेकेंड ईयर में पढ़ाई करने वाली एक महिला डॉक्टर के साथ रेप के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई, जिसके बाद से पूरे देश व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है." उन्होंने कहा, "यह घटना हमें साल 2012 में निर्भया केस की याद दिलाता कि हम लोग कितना असुरक्षित हैं."
शिवसेना यूबीटी नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने आगे लिखा, "इस तरह की हाथरस और कठुआ में हुई, इनके अलावा कई ऐसी घटनाएं उदाहरण हैं. यही वजह है कि भारत में हर घंटे महिलाओं के खिलाफ 51 अपराध होते हैं." उन्होंने कहा, "देश के कानून से महिलाओं का यकीन उठ गया है, जो उनकी रक्षा करने में नाकाम रहा है."
राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि इन सबको देखते हुए करोड़ों महिलाओं का दर्द, भय और गुस्सा उचित है, यह महिलाओं की सुरक्षा और त्वरित न्याय तक पहुंच की जरुरतों पर जोर देता है. उन्होंने पत्र में राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए लिखा, "एक महिला होने के नाते मुझे यकीन है कि आप उनकी भावनाओं को साझा करती हैं और आप इस बात से भी सहमत होंगी अब महिलाओं की सुरक्षा पर बात करने जरुरत है."
'दोनों बिल है ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण'
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "मैं आपका (राष्ट्रपति) का ध्यान शक्ति क्रिमिनल लॉ (महाराष्ट्र अमेंडमेंट) बिल 2020 और महाराष्ट्र शक्ति क्रिमिनल लॉ 2020 पर दिलाना चाहती हूं, जिसे महाराष्ट्र की पिछली उद्धव ठाकरे सरकार ने दोनों सदनों में व्यपाक स्तर पर चर्चा के बाद महाराष्ट्र विधानसभा में साल 2021 में पारित किया था."
सांसद ने कहा कि यह बिल ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण है, इसकी वजह यह है कि इसमें महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है. इसके अलावा त्वरित अभियोजन और कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है. हालांकि, अभी भी इस बिल को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने का इंतजार है.
शिवसेना यूबीटी सांसद ने कहा कि इस बिल को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने में देरी की वजह से महाराष्ट्र के लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं, खासकर तब जब महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज पूरे देश रक्षाबंधन का त्योहार मना रहा है, यह उत्सव सुरक्षा और एक दूसरे की केयर करने का प्रतीक है.