Mumbai: महाराष्ट्र में हुए मंत्रिमंडल विस्तार के एक दिन बाद शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एकनाथ शिंदे खेमे और बीजेपी के बीच गठबंधन की कड़ी आलोचना की. शिवसेना ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए सामना के संपादकीय में कहा कि शिंदे खेमे के कुछ विधायकों के खिलाफ अयोग्य घोषित करने की  याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबिंत हैं जिनमें से कुछ पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा. ऐसे में उन्हें मंत्रीपद की शपद दिलाना लोकतंत्र का अपमान है.


राज्यपाल कोश्यारी पर भी साधा निशाना
संपादकीय में शिवसेना ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर भी कटाक्ष किया है, जिन्होंने मंगलवार को राजभवन में विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई थी. संपादकीय में कहा गया है कि 40 दिन पहले अवैध रूप से बनी सरकार को राज्यपाल ने शपथ दिलाई और अब अवैध रूप से बनी सरकार के मंत्रियों को शपथ दिलाकर उन्होंने लोकतंत्र का अपमान किया है. इसमें आगे कहा गया है कि कुछ ऐसे विधायकों को शपथ दिलाना जिन्हें अयोग्य ठहराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है, यह लोकतंत्र और संविधान की हत्या है.  ऐसे हत्यारों को देश में खुला छोड़ दिया गया है और उनके माध्यम से राज्य के मामले चलाए जा रहे हैं.


अल्पकालिक होगी शिंदे खेमे के मंत्रियों की खुशी
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इस संपादकीय के माध्यम से चुनौती दी कि एकनाथ शिंदे खेमे में शामिल होने वाले नौ मंत्रियों की खुशी अल्पकालिक होगी. मुखपत्र में आगे कहा गया है कि महाराष्ट्र के लोग दलबदलुओं को उनके विश्वासघात के लिए कभी माफ नहीं करेंगे. हालांकि शिंदे सरकार ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.


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