'यह लोगों को भड़काने की चाल है', EVM विवाद पर शिवसेना नेता उदय सामंत का MVA पर हमला
Maharashtra News: टीएमसी चीफ ममता बनर्जी के इंडिया गंठबंधन का नेतृत्व करने के दावे पर उदय सामंत ने कहा, "राहुल गांधी पर इसे आजमाया, लेकिन सफल नहीं हुए. इसलिए अब ममता दीदी पर प्रयोग कर रहे हैं."
Maharashtra EVM Row: महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में नई सरकार का गठन तो गया है, लेकिन विपक्षी पार्टी लगातार सत्ता पक्ष पर चुनाव में ईवीएम के दुरूपयोग का आरोप लगा रही है. इस बीच शिवसेना नेता उदय सामंत ने विपक्ष के आरोपों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा, यह ईवीएम विरोधी माहौल बनाने के बजाय अपनी विफलता पर पर्दा डालने का प्रयास है.
उदय सामंत ने कहा, "यह लोगों को भड़काने की विपक्ष की चाल है. यह ईवीएम विरोधी माहौल बनाने के बजाय अपनी विफलता पर पर्दा डालने का प्रयास है. एक तरफ एमवीए को ईवीएम के नाम पर बमबारी की दोहरी भूमिका का एहसास हुआ तो बात 40-50 पर आ गई और अब महाविकास अघाड़ी में भी फूट पड़ गई है. ऐसा लग रहा है कि वह आज विधायक पद की शपथ लेंगे."
तीनों नेता कैबिनेट संभालने में सक्षम हैं- उदय सामंत
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी के इंडिया गंठबंधन का नेतृत्व करने के दावे पर उन्होंने कहा, राहुल गांधी पर इसे आजमाया, लेकिन सफल नहीं हुए. इसलिए अब ममता दीदी पर प्रयोग कर रहे हैं. कांग्रेस को सोचना चाहिए कि उन पर संदेह जताया जा रहा है. महाराष्ट्र कैबिनेट विस्तार पर उदय सामंत ने कहा, सरकार स्थापित हो गई है. तीनों नेता कैबिनेट संभालने में सक्षम हैं, जल्द ही विस्तार होगा. शीतकालीन सत्र से पहले विस्तार हो जाएगा.
बता दें महाराष्ट्र में 23 नवंबर को नतीजे आने के बाद से ही विपक्षी महाविकास अघाड़ी ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगा रही है. उसका दावा है कि कई सीटों पर वोटिंग से ज्यादा काउंटिंग की गई है तो कई पर वोटिंग से कम काउंटिंग हुई है. कई प्रत्याशी दोबारा काउंटिंग की भी मांग कर रहे हैं. वहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार सहित सत्तारूढ़ दलों के कई सदस्यों ने विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली. हालांकि, विपक्षी दल कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और एनसीपी (SP) के सदस्यों ने शपथ नहीं लेने का निर्णय किया.
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा, "एमवीए ने आज सदन के सदस्य के रूप में शपथ नहीं लेने का फैसला किया है. जब कोई सरकार इतने बड़े बहुमत के साथ सत्ता में आती है, तो जश्न मनाया जाता है. सवाल उठता है कि उसे जो जनादेश मिला है, वह जनता ने दिया है या ईवीएस और भारत के चुनाव आयोग ने दिया है."