Maharashtra News: अभी तक केंद्र की भाजपा सरकार पर विपक्षी दलों के नेताओं के मुंह बंद करने के लिए सीबीआई (CBI), ईडी (ED)और आयकर विभाग (IT) जैसी केंद्रीय एजेंसियों के गलत इस्तेमाल के आरोप लगते रहे हैं. इस बीच अब महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे-देवेन्द्र फडणवीस सरकार के कार्यकाल में काले जादू के इस्तेमाल का आरोप लगा है. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने पार्टी के मुख्य पत्र सामना में मंगलवार को दावा किया कि पिछले साल जून में राज्य में एकनाथ शिंदे-देवेन्द्र फडणवीस की सरकार बनने के बाद से जादू-टोना जैसा अंधविश्वास बढ़ा है. इसमें विपक्ष के कुछ नेताओं के साथ हुए हादसों का भी जिक्र किया गया है. 


सीएम पद की स्थिरता के लिए दी गई भैंसे की बलि


शिवसेना ने अपनी पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा, ‘मुख्यमंत्री शिंदे और उनके गुट के चालीस विधायक गुवाहाटी के कामाख्या देवी मंदिर गए. वहां उन्होंने जादू-टोना की विधि की‌. कहा जाता है कि भैंसे की बलि दी गई.’ इसके साथ ही संपादकीय में कहा गया है, ‘कहते हैं कि यह बलि मुख्यमंत्री पद की स्थिरता के लिए दी गई थी.’


विपक्षी नेताओं की दुर्घटना व आघात में वृद्धि का दावा


इस संपादकीय में यह भी दावा किया गया है, ‘महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस की खोके सरकार आने के बाद से जादू-टोना, काला जादू, नींबू-मिर्ची आदि अंधश्रद्धा को बढ़ावा मिलता दिखाई दे रहा है. फिलहाल, इसी विषय पर चर्चा मंत्रालय और अन्य सरकारी कार्यालयों में होती रहती है.’ लेख में कहा गया है, ‘महाराष्ट्र प्रगतिशील विचारधारा वाला राज्य है. इस राज्य में जादू-टोना, सरकारी बंगले पर मिर्ची, यज्ञ जैसी अघोरी प्रथा के लिए स्थान नहीं है. लेकिन, जब से शिंदे की जादू-टोना सरकार सत्ता में आई है, राजनीतिक विरोधियों की दुर्घटना व घात-आघात की संख्या अचानक बढ़ने लगी है.’


लेख में दी गई ये सलाह
हालांकि, संपादकीय में यह भी लिखा गया कि इन घटनाओं का संबंध यदि लोग सरकार समर्थित जादू-टोना से जोड़ रहे हैं तो यह ठीक नहीं है. अखबार ने अपने लेख में विपक्षी दल के नेताओं के साथ हाल में हुई घटनाओं का जिक्र किया है. इसने लिखा है, ‘पुणे शहर में एक कार्यक्रम में दीप प्रज्ज्वलन के दौरान सांसद सुप्रिया सुले की साड़ी में आग लग गई.’ वहीं, ‘नेता प्रतिपक्ष अजित पवार एक विचित्र लिफ्ट दुर्घटना में बाल-बाल बचे. पवार तीसरी मंजिल से चौथी मंजिल पर जा रहे थे. इसी बीच बिजली चली गई और चौथी मंजिल पर पहुंचने से पहले ही लिफ्ट धड़ाम से नीचे गिर गई.’


एक-एकर दुर्घटनाओं को गिनाया गया
लेख के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट नागपुर में अधिवेशन के दौरान एक दुर्घटना में घायल हो गए और दाहिने कंधे में चोट लगने से वह आज भी ठीक नहीं हुए हैं. बीड़ जिले में एक बड़ी दुर्घटना में विपक्ष की बुलंद आवाज धनंजय मुंडे की कार चकनाचूर हो गई. मुंडे बाल-बाल बच गए, लेकिन छाती की टूटी पसलियों के कारण वह अस्पताल में बिस्तर पर पड़े हैं. शिवसेना के संजय राउत को भी नाहक जेल जाना पड़ा, जो इसी राजनीतिक जादू-टोने के चलते हुआ. इसके अलावा लिखा गया है कि विनायक मेटे की भी दुर्घटना में मृत्यु हो गई.


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