Shiv Sena MLAs Row: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narwekar) ने मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने के अपने फैसले का बचाव किया और कहा कि यह उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये दिशानिर्देशों पर आधारित है. जून 2022 में शिवसेना में विभाजन के बाद शिंदे और ठाकरे गुटों द्वारा एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर 10 जनवरी के फैसले को लेकर ठाकरे द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन में निशाना साधे जाने के तुरंत बाद नार्वेकर ने यहां मीडिया से बात की.


नार्वेकर ने फैसले को भी उचित ठहराया
विधानसभाध्यक्ष नार्वेकर ने अविभाजित शिवसेना के 2018 के संशोधित संविधान को स्वीकार नहीं करने के अपने फैसले को भी उचित ठहराया. उन्होंने कहा कि पार्टी ने तब निर्वाचन आयोग को केवल उद्धव ठाकरे के पार्टी प्रमुख होने के बारे में सूचित किया था, लेकिन संशोधित संविधान प्रस्तुत नहीं किया था. नार्वेकर ने अपने फैसले में कहा कि शिवसेना का 1999 का संविधान यह तय करने के लिए वैध था कि कौन सा गुट वास्तविक शिवसेना है.


नार्वेकर ने सुप्रीम कोर्ट का किया जिक्र
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा फैसला उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों पर आधारित था.’’ नार्वेकर ने कहा कि किसी पार्टी द्वारा बनाए गए नियम सिर्फ कागज पर नहीं होने चाहिए बल्कि उन्हें लागू किया जाना चाहिए.


राहुल नार्वेकर का फैसला
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले में फैसला सुनाते हुए मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बड़ी राहत दी है. नार्वेकर ने शिंदे और शिवसेना के 15 अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका खारिज कर दी है. स्पीकर ने भी पार्टी के कामकाज पर ठाकरे की दलीलों को खारिज करते हुए शिंदे गुट को असली शिवसेना बताते हुए फैसला सुनाया है.


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