Crime Against Women in Thane: बीते कुछ दिनों से राज्य में लगातार महिला उत्पीड़न की घटनाएं सामने आ रही हैं. वहीं, महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने जानकारी दी है कि राज्य में महिला उत्पीड़न की सबसे ज्यादा शिकायतें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ठाणे जिले से आईं. महिला आयोग द्वारा ठाणे जिले की समीक्षा की गई. इस मौके पर जनसुनवाई का भी आयोजन किया गया. चाकणकर ने कहा कि कुल 174 महिलाओं ने अपनी शिकायतें दर्ज कराई हैं और ठाणे से शिकायतें राज्य में सबसे ज्यादा हैं. 


एकसाथ हुई सुनवाई
राज्य महिला आयोग की पहल 'महिला आयोग आयपा दारी' के तहत मंगलवार को ठाणे जिले में राज्य महिला आयोग की अध्यक्षता में जनसुनवाई की गई. कलेक्टर कार्यालय के नियोजन भवन में सुनवाई हुई. इस बीच, काउंसलर, पुलिस और कानूनी अधिकारियों की भागीदारी के साथ 5 पैनल बनाकर कुल 174 शिकायतों की एक साथ सुनवाई की गई.


इस सुनवाई के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए रूपाली चाकणकर ने कहा कि महिला आयोग की ओर से ठाणे शहर और ग्रामीण क्षेत्रों की समीक्षा बैठक की गई. इस अवसर पर जन सुनवाई का आयोजन किया गया. इस जन सुनवाई के अवसर पर कुल 174 शिकायतकर्ता अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे.


इनमें सबसे ज्यादा 116 पारिवारिक समस्याओं की शिकायतें मिलीं. सामाजिक मुद्दों पर 18, संपत्ति पर 09, कार्यस्थल उत्पीड़न पर 05 और अन्य पर 26 सहित कुल 174 शिकायतें प्राप्त हुईं. चाकणकर ने कहा कि प्रदेश में भ्रमण के दौरान समीक्षा करने वाला यह मेरा 24वां जिला है और इन 24 जिलों में अब तक सर्वाधिक शिकायतें ठाणे जिले से आई हैं. दिलचस्प बात यह है कि चाकणकर ने यह भी कहा कि उनके पास पारिवारिक समस्याओं की सबसे ज्यादा शिकायतें हैं. 


विभिन्न विभागों की समीक्षा भी की गई 
उन्होंने आगे कहा कि महिला आयोग की ओर से जन सुनवाई के दौरान प्राप्त शिकायतों का निराकरण कर उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास किया जा रहा है. आज हुई जनसुनवाई के दौरान 5 पैनल गठित कर एक साथ कुल 174 शिकायतों की सुनवाई की गई. चाकणकर ने यह भी कहा कि इस बार विभिन्न विभागों की समीक्षा भी की गई.


महिलाओं के लिए टोल फ्री नंबर
इस बीच, इस समय की बात करें तो पुणे जिले में ही नहीं बल्कि राज्य में भी पिछले कुछ दिनों से महिला उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. इसके लिए हमने टोल फ्री नंबर उपलब्ध कराया है. जिसमें 112, 110 और 191 टोल नंबर शामिल हैं. लेकिन इस बारे में ज्यादा जन जागरूकता नहीं हुई है. चाकणकर ने कहा कि महिला उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस, प्रशासन के साथ नागरिक होने के नाते हम सभी की समान जिम्मेदारी है. 


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