Marathwada Earthquake: महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में गुरुवार (21 मार्च) की सुबह कई जगहों पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. मराठवाड़ा में 1993 के बाद इतने तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. बताया जा रहा है कि सुबह 6 बजकर 9 मिनट पर नांदेड़, परभणी और हिंगोली में 4.5 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए. सुबह-सुबह भूकंप के तेज झटके से लोग डरकर सड़कों पर आ गए.


बता दें इससे पहले मार्च के पहले हफ्ते में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, महाराष्ट्र के हिंगोली जिले का अखाड़ा बालापुर भूकंप का केंद्र रहा है. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 से 4.5 थी. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 मापी गई. 4 से लेकर 4.9 की तीव्रता वाले भूकंप को हल्के भूकंप के तौर पर परिभाषित किया जाता है. 


यहां महसूस किए गए भूकंप के झटके
जानकारी के अनुसार हिंगोली, परभणी, नांदेड़ जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. बताया जा रहा है कि सुबह करीब छह बजे हुई इस घटना से कई घरों की दीवारों में छोटी-छोटी दरारें आ गईं हैं. इससे लोगों में डर का माहौल बन गया है. वहीं भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप का पहला झटका अरुणाचल प्रदेश में रिपोर्ट किया गया था. देश के पूर्वोत्तर राज्य में कुछ घंटों के अंतराल पर भूकंप के दो झटके महसूस किए गए.


जानें- कैसे आता है भूकंप? 
धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं, जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं, एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है. इसे ही भूकंप कहते हैं. भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल होता है. यह स्केल 1 से 9 तक होती है, जिसमें 1 कम तीव्रता की ऊर्जा को दर्शाता है और 9 सबसे ज्यादा तीव्रता की ऊर्जा को दर्शाता है.



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