Mumbai News: नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल सर्किट के लिए बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में एक भूमिगत स्टेशन के निर्माण के उद्देश्य से शुक्रवार को टेंडर जारी किए. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. यह शिवसेना के बागी नेता व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में नयी सरकार बनने के बाद जारी किए गया पहला टेंडर हैं.
नयी सरकार ने इस परियोजना को हरी झंडी दिखाई है, जो पिछली उद्धव ठाकरे नीत सरकार के दौरान ठंडे बस्ते में पड़ी हुई थीं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया, ''बुलेट ट्रेन के लिए मुंबई भूमिगत स्टेशन और सुरंगों के डिजाइन व निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित की गईं.''
मात्र 3 घंटे में पूरी होगी मुंबई से अहमदाबाद की यात्रा
एनएचएसआरसीएल बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए कार्यान्वयन एजेंसी है, जिसके तहत अहमदाबाद और मुंबई के बीच हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर 320 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रेन चलाई जाएगी. ट्रेन 508 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और इसके मार्ग में 12 स्टेशन होंगे. ट्रेन से दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय मौजूदा 6 घंटे से घटकर लगभग तीन घंटे होने की उम्मीद है.
1.08 लाख करोड़ है परियोजना का खर्च
एनएचएसआरसीएल के एक अधिकारी ने कहा कि बीकेसी में भूमिगत स्टेशन के निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं. परियोजना की कुल लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से केंद्र सरकार की ओर से एनएचएसआरसीएल को 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा, जबकि इसमें शामिल दो राज्यों गुजरात और महाराष्ट्र की ओर से पांच-पांच हजार करोड़ रुपये दिए जाने हैं. शेष राशि का भुगतान जापान की तरफ से 0.1 प्रतिशत ब्याज पर ऋण के माध्यम से किया जाना है.
फडणवीस ने दिया परियोजना में तेजी लाने का आश्वासन
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को मुंबई में जापान के महावाणिज्य दूत फुकाहोरी यासुकाता को बुलेट ट्रेन जैसी ढांचागत परियोजनाओं में तेजी लाने का आश्वासन दिया, जो जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) द्वारा वित्त पोषित है. एनएचएसआरसीएल ने इस साल की शुरुआत में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में एक भूमिगत टर्मिनस के निर्माण के सिलसिले में नवंबर 2019 में आमंत्रित निविदाओं को रद्द कर दिया था, क्योंकि राज्य सरकार जमीन सौंपने में विफल रही थी. एनएचएसआरसीएल ने टेंडर जारी करने के बाद बीकेसी में जमीन सौंपे जाने की प्रतीक्षा करते हुए लगभग 11 बार समयसीमा को बढ़ाया, लेकिन सरकार ने मंजूरी नहीं दी.
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