Maharashtra Tigers: बेसहारा शावकों का पेंच टाइगर रिजर्व बना नया ठिकाना, जानिए कैस हो गए थे अनाथ
Pench Tiger Reserve: बाघिन पीकेटी-7 की मौत के दो अनाथ बाघ शावकों का पेंच टाइगर रिजर्व में पुनर्वास किया जाएगा. इन्हें 14 मार्च को घाटंजी जंगल से बचाया गया था.
Maharashtra News: महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के पंढारकवाड़ा वन क्षेत्र से बचाए गए दो अनाथ बाघ शावकों का पेंच टाइगर रिजर्व में पुनर्वास किया जाएगा. एक अधिकारी ने गुरूवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने कहा कि बाघ के शावकों को उनकी मां बाघिन पीकेटी-7 की मौत के कुछ सप्ताह बाद 14 मार्च को घाटंजी जंगल से बचाया गया था. पेंच टाइगर रिजर्व-महाराष्ट्र के उप निदेशक प्रभु नाथ शुक्ला की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, आठ महीने के बाघ शावकों को बुधवार को संरक्षित जंगल में तितरलमंगी बाड़े में रखा गया.
दोनों शावक स्वस्थ हैं
मुख्य रूप से मध्य प्रदेश के दक्षिणी भाग में स्थित पेंच टाइगर रिजर्व का 257 वर्ग किलोमीटर हिस्सा महाराष्ट्र में है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि दोनों शावक स्वस्थ हैं और बाड़े के अंदर स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं, विज्ञप्ति में कहा गया है कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार उन्हें जंगल में छोड़ा जाएगा.
क्यों बिलुप्त हो रहे बाघ?
महाराष्ट्र के बाघ को अभी भी अपने अस्तित्व के लिए कई खतरों का सामना करना पड़ रहा है. वनों की कटाई और मानव अतिक्रमण के कारण निवास स्थान का नुकसान इन बाघों के सामने सबसे बड़े खतरों में से एक है. अवैध शिकार भी एक प्रमुख चिंता का विषय है, क्योंकि उनके शरीर के अंगों को पारंपरिक एशियाई चिकित्सा में अत्यधिक बेशकीमती माना जाता है.
क्षेत्र की जैव विविधता को बनाए रखने और इस प्रतिष्ठित प्रजाति के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए महाराष्ट्र बाघ और उसके आवास की रक्षा करना महत्वपूर्ण है. संरक्षण के प्रयासों का समर्थन करके और इन बाघों की सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाकर, हम इन शानदार जानवरों के लिए भविष्य सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं.