Maharashtra News: उद्धव गुट के पूर्व नगरसेवक आत्माराम चाचे समर्थकों के साथ शिंदे गुट में हुए शामिल, कही ये बात
Uddhav Thackeray: उद्धव ठाकरे गुट के पूर्व नगरसेवक आत्माराम चाचे अपने समर्थकों के साथ शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं. उन्होंने कहा- सीएम शिंदे द्वारा किए गए विकास कार्यों से मैं बहुत प्रभावित हुआ हूं.
Maharashtra Politics: बीती रात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिंदे गुट के विधायक प्रकाश सुर्वे के उपस्थिति में मुख्यमंत्री के सरकारी निवास स्थान वर्षा पर उद्धव ठाकरे गुट के पूर्व नगरसेवक आत्माराम चाचे अपने समर्थकों के साथ शिंदे गुट में शामिल हुए. आत्मराम चाचे ने कहा, बीते 6 महीने में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा किए गए विकास कार्यों से मैं बहुत प्रभावित हुआ हूं. और यही वजह है कि मैंने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में काम करने का निर्णय लिया है. आने वाले समय में बीएमसी में हमारी सत्ता होगी. प्रकाश सुर्वे ने कहा, मुख्यमंत्री के विकास कार्यों से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो रहे हैं. और यही वजह है कि लोग हमसे जुड़ रहे हैं. आने वाले दिनों में कई और लोग हमसे जुड़ेंगे.
सीएम एकनाथ शिंदे का ट्वीट
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने ट्वीट करते हुए लिखा, परभणी जिले के पथारी तालुका के 40 सरपंच, उप सरपंच, अध्यक्ष, पंचायत समिति अध्यक्ष और सदस्य, नगर अध्यक्ष, उप अध्यक्ष और पदाधिकारी आज सार्वजनिक रूप से पार्टी में शामिल हो गए हैं. उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा, हाल ही में हुए ग्राम पंचायत चुनाव में बालासाहेब की शिवसेना पार्टी ने 1593 सरपंच चुने थे. इसमें 40 और लोगों को जोड़ा गया है. उन्होंने सभी को आश्वासन दिया कि वह पार्टी में दिखाए गए विश्वास को सही ठहराएंगे और तालुका के विकास के लिए हर संभव मदद करेंगे.
उद्धव ठाकरे धड़े का दावा
शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि जिन परियोजनाओं का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, उनमें से अधिकांश की योजना और उन्हें आगे बढ़ाने का काम बृह्नमुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) में पार्टी के शासनकाल के दौरान हुआ था. शिवसेना के उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा कि एक तरफ भाजपा शिवसेना द्वारा किए गए कार्यों का श्रेय लेगी और दूसरी तरफ यह (परियोजनाओं की) नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) जांच शुरू कर पार्टी को बदनाम करने का प्रयास कर रही है. संपादकीय में आरोप लगाया गया कि यह ‘‘दोहरा मापदंड’’ है.