महाराष्ट्र: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने रविवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) से मुंबई (Mumbai में उनके आवास पर मुलाकात की. इन दिग्गजों की मुलाकात के बाद सियासी गलियारे में काफी चर्चाएं भी शुरू हो गई. हालांकि गड़करी ने इसे एक पारिवारिक बैठक बताया और मीटिंग के पीछे कुछ भी राजनीतिक होने से इनकार कर दिया.
राज ठाकरे से मुलाकात के बाद गडकरी ने क्या कहा
वहीं राज ठाकरे से मुलाकात के बाद नितिन गडकरी ने पत्रकारों से बात करते हुए मनसे प्रमुख के परिवार के साथ अपने पुराने संबंधों की ओर इशारा किया और कहा कि वह उनके निमंत्रण पर उनके घर गए थे. गडकरी ने कहा कि, "यह एक पॉलिटिकल मीटिंग नहीं थी. राज ठाकरे और उनके परिवार के सदस्यों के साथ 30 साल से मेरे अच्छे संबंध हैं. मैं उनका नया घर देखने और उनकी मां का हाल जानने आया था. यह एक फैमिली विजिट थी, राजनीतिक नहीं. "
शनिवार को राज ठाकरे ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की थी
बता दें कि गडकरी और राज ठाकरे की मिटिंग से एक दिन पहले यानी शनिवार को मनसे प्रमुख ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर बंद किए जाने की मांग की थी. शिवाजी पार्क में आयोजित एक रैली के दौरान ठाकरे ने कहा था कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर इतनी तेज आवाज में क्यों बजाए जाते हैं? उन्होंने कहा था कि अगर ये बंद नहीं हुआ तो मस्जिदों के बाहर तेज आवाज में हनुमान चालीसा बजाया जाएगा.
प्रार्थना या किसी विशेष धर्म के खिलाफ नहीं हूं- राज ठाकरे
उन्होंने चेतावनी देने के बाद यह भी कहा था, "मैं प्रार्थना या किसी विशेष धर्म के खिलाफ नहीं हूं. हर धर्म को प्रार्थना करने का अधिकार है, लेकिन मुझे अपने धर्म पर गर्व है. इसलिए इस बात का ख्याल जरूर रखना चाहिए कि आपकी किसी चीज से दूसरों को परेशानी न हो." इसके साथ ही उन्होंने मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य स्थानों की बदलती जनसांख्यिकी पर बात करते हुए आरोप लगाया था कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से बहुत सारे मुस्लिम इन जगहों पर आकर बस गए हैं और अगर पुलिस मुंबई की झुग्गी-झोपड़ियों में मदरसों की ठीक से जांच करेगी, तो उन्हें बहुत कुछ पता चलेगा.
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