Maharashtra News: 'केन्द्र के दबाव के चलते वेदांता-फॉक्सकॉन परियोजना गई गुजरात', महाराष्ट्र कांग्रेस ने लगाए आरोप
Maharashtra News: वेदांता-फॉक्सकॉन परियोजना के गुजरात जाने पर राज्य की कांग्रेस इकाई ने बड़ा आरोप लगाया है. पार्टी नेता सचिन सावंत ने कहा है कि केन्द्र सरकार के दबाव के चलते यह हुआ है.
Maharashtra News: कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने गुरुवार को आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार के दबाव के चलते वेदांता-फॉक्सकॉन परियोजना को गुजरात स्थानांतरित किया गया है जबकि राज्य की पूर्व महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने कंपनी को संयंत्र लगाने के लिए बेहतर पैकेज की पेशकश की थी. कांग्रेस की राज्य इकाई के महासचिव सचिन सावंत ने एक बयान में कहा कि परियोजना को गुजरात के धोलेरा में स्थानांतरित किया गया है. हालांकि यह पुणे के निकट तलेगांव की तुलना में ऐसा स्थान है जहां ‘‘सुविधाएं नहीं ’’ हैं.
उन्होंने कहा कि इस कदम से देश को नुकसान पहुंच सकता है क्योंकि इस बात की आशंका है कि परियोजना वहां रुक जाएगी. दरअसल दो दिन पहले इस बात की घोषणा हुई थी कि भारत के वेदांता समूह और ताइवान की इलेक्टॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन का सेमीकंडक्टर बनाने का संयुक्त उपक्रम गुजरात जाएगा, पहले इसके पुणे के निकट स्थापित किए जाने का प्रस्ताव था. इस घोषणा के बाद से ही राज्य में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव ने लगाए ये आरोप
सावंत ने कहा,‘‘ पूर्व की एमवीए सरकार ने गुजरात की तुलना में बेहतर पैकेज की पेशकश की थी पर वेदांता फॉक्सकॉन परियोजना केन्द्र सरकार के दबाव के चलते धोलेरा चली गई. चूंकि धोलेरा में कोई सुविधा नहीं है तो कई कंपनी जिसमें ‘आईएसएमसी डिजिटल’ शामिल है ने उस स्थान से हटने का निर्णय लिया है. आईएसएमसी डिजिटल ने वेदांता-फॉक्सकॉन की तरह के ही सेमी कंडक्टर बनाने का प्रस्ताव दिया था.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर परियोजना को धोलेरा स्थानांतरित करने से न केवल महाराष्ट्र को बल्कि पूरे देश को नुकसान होगा.
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कंपनी के महाराष्ट्र से गुजरात शिफ्ट होने पर राजनीतिक बवाल
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि वेदांता कंपनी की प्रांरभिक रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र का तलेगांव इस सेमीकंडक्टर परियोजना के लिए उपयुक्त स्थान था. उन्होंने दावा किया कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने राज्य के लिए अनेक ऐसी परियोजनाओं की घोषणा की थीं,जो संभव नहीं थीं और उन्होंने जनता के कर के करोड़ो रुपये बरबाद कर दिए थे.
सावंत ने कहा, ‘‘जब देश में 10 अरब डालर के अनुमानित निवेश से सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे तब तीन कंपनियों ने आवेदन दिया था. उनमें से एक थी आईएसएमसी डिजिटल जिसे धोलेरा में परियोजना शुरू करनी थी लेकिन यह कंपनी धोलेरा से चली गई क्योंकि वहां सुविधाएं नहीं हैं, पानी की कमी है. गौर करने वाली बात यह है कि गुजरात सरकार ने इस कंपनी के साथ एक समझौता किया था.’’ उन्होंने इस परियोजना को जाने देने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की आलोचना की और कहा कि इससे महाराष्ट्र के लोगों को रोजगार मिलता और देश को धन मिलता.
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