Maharashtra News:  विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक सीनियर पदाधिकारी ने शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शिवराज पाटिल के भगवद् गीता को लेकर किए दावे की आलोचना की है. दरअसल, शिवराज पाटिल ने दावा किया था कि भगवद् गीता में भी जिहाद की बात कही गई है. विहिप महासचिव मिलिंद परांडे ने  मीडिया से बातचीत में पूर्व केंद्रीय मंत्री पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण में शामिल होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह टिप्पणी सस्ते प्रचार और समाज में भ्रम पैदा करने के लिए की गई.


क्या है मामला
विहिप नेता ने कहा, मुझे नहीं पता कि शिवराज पाटिल कौन सी गीता पढ़ी है. गीता में जिहाद का कोई जिक्र नहीं है. पाटिल ने गुरुवार को दावा किया था कि जिहाद (पवित्र युद्ध) की अवधारणा सिर्फ इस्लाम में ही नहीं बल्कि भगवद् गीता और ईसाई धर्म में भी है. कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहसिना किदवई की आत्मकथा के विमोचन पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पाटिल ने कहा था कि इस्लाम धर्म में जिहाद का बहुत जिक्र है.


समाज में भ्रम पैदा करने का उद्देश्य
पाटिल ने अपनी टिप्पणियों में दावा किया था कि सिर्फ कुरान में ही नहीं, महाभारत में भी गीता में श्रीकृष्ण अर्जुन से जिहाद की बात करते हैं और यह बात सिर्फ कुरान या गीता में ही नहीं बल्कि ईसाई धर्म में भी है. पाटिल की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर विहिप नेता परांडे ने कहा कि शिवराज पाटिल गैर जिम्मेदार हैं और उनका उद्देश्य सस्ता प्रचार हासिल करना और समाज में भ्रम पैदा करना है.


पाटिल ने कहा
दरअसल मोहसिना किदवई (Mohsina Kidwai) की किताब के विमोचन के मौके पर पाटिल ने कहा, "जिहाद की बात तब आती है, जब मन के स्वच्छ विचार होने के बाद भी तमाम कोशिशों को करने के बाद कोई समझता नहीं है. तब कहा जाता है कि आपको अगर शक्ति का उपयोग करना है तो करना चाहिए. वो सिर्फ कुरान शरीफ के अंदर नहीं है, वो महाभारत के अंदर जो गीता का भाग है, उसके अंदर श्रीकृष्ण जी भी अर्जुन को जिहाद की बात कहते है. ये सिर्फ कुरान और गीता ही नहीं बल्कि जीजस ने भी लिखा है."


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