Maharashtra Vidhan Parishad News: महाराष्ट्र विधान परिषद में दुर्व्यवहार के आरोप में विपक्षी नेता अंबादास दानवे को निलंबित कर दिया गया है. विधान परिषद में हुए दुर्व्यवहार को लेकर अंबादास दानवे ने पत्र के जरिए माफी मांगी है. इस पत्र के बाद अंबादास दानवे का निलंबन वापस लिये जाने की संभावना है. दोपहर तीन बजे हॉल में दानवे के निलंबन को लेकर फैसले की घोषणा की जायेगी. इस बीच अंबादास दानवे ने जवाब दिया कि मेरी आवाज दबाने का मतलब लोगों की आवाज दबाना है. 


अंबादास दानवे ने अपने पत्र में क्या कहा?
ABP माझा के अनुसार, दानवे ने पत्र में लिखा, "सदन के सदस्य के रूप में मैंने सदैव सदन की पवित्रता, नियमों, रीति-रिवाजों और परंपराओं का पालन करने का भरसक प्रयास किया है. लेकिन मेरी लापरवाही के कारण हुई घटना के बाद आपने मुझे 1 जुलाई 2024 को निलंबित कर दिया. अध्यक्ष महोदया, जैसा कि हम जानते हैं कि हमारी पार्टी के नेता ने इस संबंध में सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है, सदन की पवित्रता बनाए रखना मेरी स्थिति है. इसलिए मुझे सदन से माफी मांगने में कोई परेशानी नहीं है."


दानवे ने कहा, "सदन की कार्यवाही चल रही है, ऐसे में मैं महाराष्ट्र के किसानों, मजदूरों, युवाओं और माताओं-बहनों के अनेक सवाल सदन में उठाना चाहता हूं. सरकार इस मुद्दे पर न्याय करेगी, मेरा निलंबन मुझे किसानों, मजदूरों, युवाओं और माताओं की समस्याओं को हल करने से न रोके, इसलिए मेरा अनुरोध है कि मेरे निलंबन पर पुनर्विचार किया जाए."


महाराष्ट्र विधान परिषद में शिवसेना (यूबीटी) के सदस्यों ने बुधवार को उप सभापति नीलम गोरे से विपक्ष के नेता अंबादास दानवे का निलंबन समाप्त करने का आग्रह किया है. शिवसेना (यूबीटी) के विधान परिषद सदस्यों ने कहा कि दानवे अपने शब्दों के लिए माफी मांगने को तैयार हैं, इसलिए उनका निलंबन वापस लिया जाना चाहिए. विधान परिषद में एक चर्चा के दौरान मंगलवार शाम को दानवे को बीजेपी के विधायक प्रसाद लाड के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के कारण पांच दिन के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था.


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