महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान एक मसला हद से ज्यादा सुर्खियों में रहा. यह मामला था छत्रपति शिवाजी की 35 फीट ऊंची प्रतिमा गिरने का, जिसे लेकर विपक्ष बुरी तरह हमलावर रहा था. माना जा रहा था कि चुनावी नतीजों पर इस मामले का असर नजर आ सकता है, क्योंकि विपक्षी दल इस मामले को छत्रपति शिवाजी महाराज के अपमान से जोड़कर देख रहे थे. उनका दावा था कि इस मामले को महाराष्ट्र की जनता किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगी और बीजेपी गठबंधन को चुनावी नतीजों में इसका अंजाम भुगतना होगा. हालांकि, राज्य के चुनावी नतीजों ने अलग ही कहानी बयां कर दी है. आइए जानते हैं कि छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने का मसला विपक्ष के काम क्यों नहीं आया? पीएम मोदी, सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस व अजित पवार की माफी ने कैसे इस वार को बेकार कर दिया?


क्या है पूरा मामला?


महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के एक किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा 26 अगस्त को दोपहर करीब एक बजे ढह गई थी. इस मूर्ति का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 दिसंबर 2023 के दिन नौसेना दिवस के मौके पर किया था. इसके बाद राज्य की महायुति सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई थी. विपक्ष का आरोप था कि राज्य सरकार ने इस मूर्ति की देखभाल सही ढंग से नहीं की. मूर्ति में इस्तेमाल मैटेरियल अच्छा नहीं था, जिसके चलते यह गड़बड़ी हुई. 


विपक्षी दलों ने यूं किया था घेराव


छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के बाद विपक्ष ने बीजेपी के खिलाफ मुहिम छेड़ दी. इसे लेकर भगवा पार्टी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए गए और रैलियां भी निकाली गईं. इसके अलावा शरद पवार ने भी इस मामले में महायुति सरकार पर निशाना साधा था. वहीं, उद्धव ठाकरे ने इस मामले को महाराष्ट्र की आत्मा का अपमान बताया था. 


बीजेपी व सहयोगी नेताओं ने मांगी थी माफी


इस मामले में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने सबसे पहले नौसेना को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन विवाद बढ़ने पर उन्होंने माफी मांगी थी. साथ ही, शिवाजी महाराज की नई मूर्ति लगाने का ऐलान किया था. इसके अलावा डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने भी इस मामले में सिर झुकाकर माफी मांगी थी. अजित पवार ने कहा था कि वह महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगते हैं. जो घटना हुई, वह गलत है. इस पर एक्शन लिया जाएगा और जल्द से जल्द नई मूर्ति बनवाई जाएगी. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के मुंबई अध्यक्ष आशीष सेलार ने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से इस मामले में माफी मांगी थी.


पीएम मोदी ने किया था यह काम


मूर्ति विवाद जब शांत नहीं हुआ, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी माफी मांगी. उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज मेरे लिए सिर्फ नाम नहीं हैं. हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज अराध्य देव हैं. पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो हुआ, मैं सिर झुकाकर मेरे अराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में माथा रखकर माफी मांगता हूं. माना जा रहा है कि पीएम मोदी समेत महाराष्ट्र सरकार के तमाम दिग्गज नेताओं के माफीनामे ने जनता के दिल पर पॉजिटिव असर किया. इसके चलते चुनाव के नतीजों पर इसका असर नहीं दिखा.


महाराष्ट्र में ऐसा है चुनावी रुझान


महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के चुनावी नतीजों की बात करें तो बीजेपी गठबंधन ने 226 सीटों पर बढ़त बना रखी है, जबकि कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 53 सीटों पर ही सिमट गया है. इसके अलावा 9 सीटों पर अन्य आगे हैं.


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