Maharashtra Rain Alert: महाराष्ट्र के कई इलाकों में भारी बारिश की संभावना, येलो अलर्ट जारी, पढ़ें मौसम विभाग का पूर्वानुमान
Maharashtra Weather News: महाराष्ट्र के कई हिस्सों में मौसम विभाग ने भारी बारिश की संभावना जताई है. पूरे विदर्भ में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है.
Maharashtra News: महाराष्ट्र के ज्यादातर हिस्सों में बारिश हुई है. कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो रही है. हालांकि किसानों को फिलहाल अच्छी बारिश की जरूरत है. क्योंकि खरीफ की फसलें बर्बाद होने की कगार पर हैं. इसलिए किसान चिंतित हैं. इस बीच मौसम विभाग (IMD) की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, आज से राज्य में फिर से भारी बारिश का अनुमान है. कुछ इलाकों में गरज के साथ बारिश की चेतावनी दी गई है.
पूरे विदर्भ में बारिश का येलो अलर्ट
मौसम विभाग द्वारा दिए गए पूर्वानुमान के मुताबिक राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो रही है. हालांकि, ज्यादातर इलाकों में अभी पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. किसान अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं. आज राज्य के कुछ हिस्सों में अच्छी बारिश की संभावना जताई गई है. विदर्भ के सभी जिलों में आज बारिश का येलो अलर्ट दिया गया है.
मुंबई और कोंकण में भी बारिश की संभावना
इस बीच मौसम विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, कल यानी 14 सितंबर तक मुंबई समेत पूरे कोंकण में भारी बारिश की संभावना है. वरिष्ठ मौसम विज्ञानी माणिकराव खुले ने जानकारी दी है कि नासिक से कोल्हापुर तक पांच जिलों के पश्चिम में सह्याद्रि के घाटमत पर मध्यम बारिश की संभावना है. बंगाल की खाड़ी में लगातार दो नए चक्रवाती पवन सिस्टम उभर सकते हैं. दोनों ही समय यह कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो सकता है. बारिश की संभावना बनी हुई है.
किसानों को बारिश का इंतेजार
इस साल मानसून देर से आया और जून का महीना सूखा रहा. जुलाई माह में हुई भयंकर बारिश से फसलों को जीवनदान मिला है. हालांकि, अगस्त का महीना भी सूखा रहा. इसके चलते भारी मात्रा में बारिश हुई है. प्रदेश के 453 राजस्व मंडलों में 21 दिन से अधिक बारिश हुई है, जबकि 613 राजस्व मंडलों में 15 से 21 दिन तक बारिश नहीं हुई है. इसलिए इस क्षेत्र में फसलों की खराब हालत की तस्वीर सामने आ रही है. अगर अगले कुछ दिनों में बारिश नहीं हुई तो ये फसलें पूरी तरह बर्बाद होने की कगार पर हैं.
पीने के पानी की समस्या
राज्य में अच्छी बारिश नहीं होने के कारण कई परियोजनाएं सूख गयी हैं. ग्रामीण क्षेत्रों के तालाबों का पानी भी सूख गया है. ऐसे में पीने के पानी के साथ-साथ पशुओं के लिए भी पीने के पानी की समस्या हो रही है. फसलें वस्तुतः नष्ट हो गई हैं. बारिश कम होने के साथ ही परियोजना में जल भंडारण भी चिंता का विषय बनता जा रहा है.