Maharashtra: ‘जो बिहार में संभव है वो महाराष्ट्र में क्यों नहीं’, आरक्षण के मुद्दे पर बोले अशोक चव्हाण
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने आरक्षण के मुद्दे पर कहा की जो बिहार में संभव है वो महाराष्ट्र में क्यों नहीं?
Maharashtra News: महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण (Former Chief Minister Ashok Chavan) ने आरक्षण के मुद्दे पर एक्स पर लिखा की, बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) ने आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 75 फीसदी करने का विधेयक पारित किया है. दिलचस्प बात ये है कि इस बिल का समर्थन भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के विधायकों ने भी किया.
अशोक चव्हाण ने बीजेपी को घेरा
अशोक चव्हाण ने आगे लिखा कि, जो बिहार में संभव है वो महाराष्ट्र में क्यों नहीं? राज्य विधानमंडल के आगामी शीतकालीन सत्र में महायुति सरकार को महाराष्ट्र में भी आरक्षण की सीमा में ढील देने के लिए कदम उठाना चाहिए, ताकि मराठा आरक्षण की राह आसान हो सके. कांग्रेस पार्टी पहले ही यह रुख अपना चुकी है कि देश में जाति जनगणना कराई जानी चाहिए और आरक्षण की सीमा में ढील दी जानी चाहिए और हैदराबाद और नई दिल्ली में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में ऐसे प्रस्तावों को मंजूरी भी दी गई है.
कांग्रेस कर रही जाति जनगणना की बात
बता दें, कांग्रेस पार्टी बीजेपी सरकार से जाति जनगणना कराने की लगातार मांग कर रही है. यहीं नहीं कांग्रेस जाति जनगणना को लेकर हर सभा में बीजेपी को घेर भी रही है. हाल ही में कांग्रेस ने ये एलान किया था कि, कांग्रेस शासित हर राज्य में जाति जनगणना करवाई जाएगी. इसके अलावा देश में होने वाले पांच राज्यों के चुनावों में कांग्रेस ने ये एलान किया है कि, जिस राज्य में उनकी सरकार बनेगी उस राज्य में जाति जनगणना पार्टी करवाएगी. जाति जनगणना के मुद्दे पर बीजेपी को विपक्ष आए दिन घेर रहा है. हालांकि बीजेपी अपना अलग तर्क देकर बयानों से बचने की कोशिश कर रही है.
मराठा आरक्षण पर अशोक चव्हाण ने दिया बयान
गौरतलब है कि, कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने इससे पहले मराठा आरक्षण मुद्दे पर भी अपनी राय दे चुके हैं. हाल ही में उन्होंने कहा था कि, चूंकि महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने मराठा आरक्षण मुद्दे को हल करने की अपनी प्रतिबद्धता पूरी नहीं की, इसलिए इस मुद्दे पर आंदोलन ने महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में हिंसक रूप ले लिया है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा था कि मौजूदा सरकार (महाराष्ट्र सरकार) को मराठा आरक्षण मुद्दे को हल करने के लिए एक महीने का समय दिया गया था और वे अपनी प्रतिबद्धता पूरी नहीं कर सके.
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