Maharashtra News: महाराष्ट्र के बीड जिले के परली कस्बे में 22 वर्षीय युवती को गर्भपात के लिए मजबूर करने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी है.अधिकारी ने कहा कि महिला के विरोध के बावजूद उसके पति और ससुराल वालों ने उसे गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया. अधिकारी ने कहा, ''11 महीने की बच्ची की मां वह महिला दूसरी बार गर्भवती हुई थी. जून में, जब वह कुछ महीने की गर्भवती थी, तो उसकी सास उसे एक सोनोग्राफी केंद्र ले गई, जहां उन्हें पता चला कि उसकी कोख में कन्या भ्रूण है.''


सहमति के बिना किया गर्भपात
अधिकारी ने बताया कि इसके बाद महिला के ससुराल वालों ने एक डॉक्टर को अपने घर बुलाया. स्वामी नामक डॉक्टर उनके घर गया और पुष्टि की कि यह एक कन्या भ्रूण है. 15 जुलाई को फिर वहीं डॉक्टर उनके घर गया और उसकी जांच की. उसने महिला को इंजेक्शन दिया, जिसके बाद उसे उल्टी हुई और दस्त भी हुए. उन्होंने कहा, ''जब महिला बीमार थी, तो 16 जुलाई को देर रात करीब डेढ़ बजे डॉक्टर उसके घर गया और उसकी सहमति के बिना गर्भपात की प्रक्रिया शुरू कर दी. डॉक्टर ने भ्रूण को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन जब ऐसा नहीं हो सका, तो उसने गर्भ काटकर और भ्रूण को हटा दिया.''


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चार लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया केस
अधिकारी ने कहा कि इसके बाद महिला ने अपने भाई को फोन किया, जो उसी सुबह पुणे से परली पहुंचा. वह अपनी बहन को पुणे उसके माता-पिता के घर ले गया. शिकायत के आधार पर, परली के संभाजीनगर थाने में सोमवार शाम को चार लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 313 (महिला की सहमति के बिना गर्भपात) और अन्य के तहत मामला दर्ज किया गया.


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