Maharashtra News: फेमस कंटेंट क्रिएटर, इन्फ्लुएंसर और एक्टर अंकुश बहुगुणा को साइबर ठगों ने 40 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा और उनसे पैसे भी लूट लिए. उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपने साथ हुए वाकये को शेयर करते हुए लोगों से जागरूक रहने की अपील की है. वहीं ऐसे मामलों को लेकर मुंबई क्राइम ब्रांच के डीसीपी दत्त नालावाड़े ने बताया कि पुलिस को भी लगातार डिजिटल अरेस्ट की शिकायतें मिल रही हैं. इस वजह से लोगों से सतर्क रहने की अपील की जाती है.
उन्होंने कहा, अगर +1 से कोई कॉल आए तो ऐसे कॉल को इग्नोर करें. कोई शख्स अगर अपने आप को पुलिस कहकर बात करता है और दावा करता है कि आप किसी क्राइम में संलिप्त है तो ऐसे कॉल को भी इग्नोर किया जाना चाहिए, ताकि आप डिजिटल अरेस्ट से बच सकें. जानकारी के अनुसार, मुंबई में अब तक डिजिटल अरेस्ट के कई मामले सामने आ चुके हैं.
साल 2024 में सामने आए डिजिटल अरेस्ट के इतने मामले
मुंबई पुलिस के मुताबिक, साल 2024 में डिजिटल अरेस्ट के कुल 102 मामले सामने आए हैं, जिसमें से महज 16 मामलों में पुलिस ने 22 लोगों गिरफ्तारी की है यानी की पुलिस डिटेक्शन प्रतिशत महज 16 प्रतिशत है. इन मामलों में पीड़ितों ने अब तक 90 करोड़ 96 लाख 54 हजार 146 रुपये गवाए हैं, जिसमे से 3 करोड़ 57 लाख 10 हजार 692 रुपये अलग-अलग अकाउंट में पुलिस ने फ्रिज किए.
साल 2022 से अब तक इतने करोड़ की हुई साइबर ठगी
इसके अलावा 2 करोड़ 37 लाख 1 हजार 90 रुपये रिकवर हो पाए हैं यानी कि लगभग 90 करोड़ में से सिर्फ 5 करोड़ 94 लाख 11 हजार 782 रुपये को बचाने में पुलिस को सफलता मिली है जो कि महज 6.33 प्रतिशत है. अगर ओवर ऑल साइबर क्राइम (डिजिटल अरेस्ट के अलावा भी) की बात करें तो साल 2022 से लेकर अब तक 1379 करोड़ 21 लाख 19 हजार 226 रुपये की ठगी की गई है. जिसमें से साइबर क्राइम ब्रांच ने 157 करोड़ 76 लाख 22 हजार 646 रुपये की रिकवरी की है, जो महज 11.44 प्रतिशत है.
डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें?
- अगर कोई व्यक्ति सरकारी अधिकारी या पुलिसकर्मी बनकर कॉल करता है तो पहले उसकी पहचान सत्यापित करें.
- किसी भी अनजान व्यक्ति को अपनी निजी या वित्तीय जानकारी न दें.
- ऐसी कोई कॉल प्राप्त होते ही कानूनी एजेंसियों को जानकारी दें.
- किसी भी प्रकार के साइबर क्राइम का शिकार होते ही तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें.