Sanjay Raut on KCR: पटना में कुछ दिन पहले विपक्षी दलों की एक बैठक हुई थी. जिसमें देश के विपक्ष के कई बड़े चेहरे जैसे की, राहुल गांधी, ममता बनर्जी, महबूबा मुफ्ती, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने शिरकत की थी. लेकिन इस बैठक में एक नाम था जिसे बैठक में शामिल होने का न्योता नहीं दिया गया था. वो थे तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव. अब विपक्षी एकता में सीएम केसीआर को नहीं बुलाना, जीतन राम माझी का समर्थन वापस लेना, अरविंद केजरीवाल की मांग और उद्धव गुट के हमले से विपक्षी एकता पर असर पड़ेगा या नहीं ये तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा, लेकिन इसका सीधा फायदा बीजेपी को जरूर हो सकता है.
विपक्षी एकता में केसीआर को नहीं बुलाया गया
पहले बिहार सरकार से नितीश कुमार को झटका देते हुए मांझी अलग हुए, उसके बाद विपक्षी एकता की बैठक में तेलंगाना के सीएम केसीआर को नहीं बुलाया गया था, जबकि केसीआर पटना जाकर नीतीश कुमार से मिले भी थे. अब केसीआर महाराष्ट्र आए हुए हैं तो संजय राउत उन पर हमलावर हो गए हैं, इसी तरह से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अध्यादेश को लेकर कांग्रेस पर हमलावर हैं.
संजय राउत का निशाना
संजय राउत ने मंगलवार को कहा, बीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव बीजेपी की बी टीम की तरह काम कर रहे हैं और महाराष्ट्र में विस्तार करने के बीआरएस के प्रयासों का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. राउत ने कहा, “…इसका असर तेलंगाना की राजनीति पर पड़ेगा. अगर केसीआर जी यही नौटंकी करते रहे तो वह तेलंगाना में हार जाएंगे. उन्होंने तेलंगाना में हार के डर से महाराष्ट्र में प्रवेश किया है.''
विपक्षी दलों से केजरीवाल की मांग
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गैर-बीजेपी दलों के नेताओं को पत्र लिखा है और उनसे 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक के दौरान दिल्ली में सेवाओं से संबंधित केंद्र के अध्यादेश पर अपना रुख स्पष्ट करने का आग्रह किया है. सीएम ने कहा, "मैं सभी दलों से अनुरोध करता हूं कि वे बैठक में अध्यादेश पर अपना रुख स्पष्ट करें और संसद में इसे हराने की रणनीति पर भी चर्चा करें.''
एकता से पहले माझी का नितीश को झटका
19 जून को जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ा झटका देते हुए बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) से अपना समर्थन वापस ले लिया है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने बिहार के पटना में राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर को समर्थन वापसी का पत्र सौंपकर औपचारिक रूप से जेडीयू से नाता तोड़ लिया था. हाल ही में 13 जून को जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने बिहार सरकार में मंत्री पद से अपना इस्तीफा भी दे दिया था.
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