BJP 150, अजित पवार की NCP 80 और शिंदे गुट...288 सीटों पर महायुति में किसकी कितनी डिमांड?
Mahayuti Alliance Parties: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति में शामिल बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी में सीटों को लेकर चर्चा जारी है. इस बीच तीनों दलों के नेता सीटों को लेकर अपनी-अपनी मांग उठा रहे हैं.
Mahayuti Seat Sharing: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से गहमागहमी शुरू है. इस बीच गुरुवार को बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी की अहम बैठक हुई. ये पार्टियां महायुति में अधिक से अधिक सीटें अपने पाले में लाने के लिए रणनीति बना रही है. एनसीपी और शिवसेना में टूट के बाद पहली बार राज्य में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की तैयारियों का जायजा लेने के लिए गुरुवार (18 जुलाई) को मुंबई में पार्टी की प्रदेश इकाई के नेताओं के साथ बैठक की. बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले समेत बीजेपी की राज्य कोर कमेटी के सदस्य मौजूद थे.
बीजेपी कितनी सीटों पर लड़ेगी चुनाव?
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि बीजेपी राज्य की 150 सीट पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है. पूर्व सांसद रावसाहेब दानवे ने बैठक के बाद कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं द्वारा मिलकर सीट बंटवारे पर चर्चा की जाएगी. महराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 152 सीटों पर लड़ी थी.
एकनाथ शिंदे की क्या है मांग?
बीजेपी की बैठक के बीच एकनाथ शिंदे ने भी शिवसेना के नेताओं के साथ बैठक की. इस बैठक में शिवसेना के सांसदों और विधायकों ने कहा कि हमें लोकसभा चुनाव रिजल्ट को देखते हुए अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए. कई रिपोर्ट्स में दावा है कि शिवसेना महायुति में करीब 125 सीटें चाहती है.
वहीं अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) 80 सीटों पर सर्वे करा रही है. एनसीपी नेता और कैबिनेट मंत्री धर्मराव बाबा अत्राम ने पिछले दिनों एबीपी माझा से बात करते हुए कहा कि महागठबंधन में एनसीपी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पार्टी ने उन 80 सीटों का चयन करने के लिए राज्य भर में एक सर्वेक्षण शुरू किया है.
बदले हुए हैं समीकरण
बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में एकजुट शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन था. शिवसेना 124 सीटों पर लड़ी थी. बाद में बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन टूट गया. फिर शिवसेना में फूट पड़ गए. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली. वहीं उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) एमवीए के साथ है.
इसी तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में अजित पवार के नेतृत्व में बगावत हुई. अजित पवार शिंदे सरकार में शामिल हो गए. वहीं शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) एमवीए के साथ है. अजित पवार की एनसीपी और शिंदे की शिवसेना से गठबंधन का खास फायदा लोकसभा चुनाव में बीजेपी को नहीं मिला.
महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सीटों की संख्या 2019 के मुकाबले 23 से घटकर मात्र 9 रह गई. वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने सात सीटें हासिल कीं और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सिर्फ एक लोकसभा सीट पर जीत हासिल कर सकी. शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (शरदचंद्र पवार) और कांग्रेस वाली महाविकास अघाडी ने मिलकर राज्य की 48 लोकसभा सीट में से 30 सीट हासिल कीं.
ऐसे में बीजेपी सीट बंटवारे को लेकर काफी चर्चा कर रही है. वहीं शिवसेना और एनसीपी महायुति में अधिक से अधिक सीटें लेने की जुगत में है.
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