Maharashtra News: शरद पवार गुट के नेता महेश विष्णुपंत कोठे (Mahesh Vishnupant Kothe) की महाकुंभ में शाही स्नान के बाद मंगलवार (14 जनवरी) मौत हो गई. शाही स्नान के बाद उन्हें हार्ट अटैक आया और उनका निधन हो गया. वह साठ साल के थे.  महेश कोठे सोलापुर नगर पालिका के पूर्व मेयर थे. उन्हें शरद पवार ने सोलमापुर सिटी उत्तर से टिकट दिया था लेकिन वह विधानसभा चुनाव हार गए थे. 


टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक महेश कोठे के रिश्तेदारों ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ महाकुंभ गए हुए थे. रिश्तेदार ने बताया, ''गंगा घाट पर नहाने के बाद उन्हें हार्ट अटैक आया. उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. हमने महाराष्ट्र सरकार के जरिए उत्तर प्रदेश सरकार से संपर्क किया है कि एयरलिफ्ट कर उनका शव सोलापुर लाया जाए.''


सोलापुर ने बहादुर कार्यकर्ता खो दिया- शरद पवार


महेश कोठे के निधन पर शरद पवार ने ट्वीट किया है, ''सोलापुर के सबसे कम उम्र के मेयर और मेरे पुराने सहयोगी महेश कोठे का प्रयागराज में निधन हो गया. महेश कोठे का सामाजिक कार्य और सोलापुर की राजनीति में  बड़ा प्रभाव था. उनके निधन से सोलापुर शहर ने एक बहादुर कार्यकर्ता खो दिया. हम इस दुख की घड़ी में कोठे परिवार के साथ हैं.''


महेश कोठे ने साथ बार सोलापुर नगर पालिका का चुनाव जीता था. वह कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में आए थे और 2017 में फिर कॉर्पोरेटर बने थे. टिकट ना मिलने पर उन्होंने शिवसेना छोड़ दी थी और फिर निर्दलीय लड़े. बाद में वह एनसीपी से जुड़ गए थे.


एनसीपी में विभाजन के बाद शरद पवार का दिया था साथ


महेश कोठे सोलापुर के सबसे कम उम्र के मेयर थे और शरद पवार के करीबी भी थे. एनसीपी के विभाजन के बाद वह शरद पवार के साथ ही रहे. विधानसभा चुनाव में भले ही उन्हें हार मिली लेकिन उनके भतीजे देवेंद्र कोठे बीजेपी के टिकट से सोलापुर सिटी सेंट्रल से जीत गए थे. महेश कोठे के सभी राजनीतिक दलों से अच्छे संबंध थे. 


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