Mahua Moitra News: 'वो भारी बहुमत से जीतकर आएंगी', महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द होने पर बोलीं प्रियंका चतुर्वेदी
Cash-For-Query Case: महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द होने उद्धव गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का बड़ा बयान सामने आया है. सांसद चतुर्वेदी ने कहा, 'यह न्याय की स्वाभाविक प्रक्रिया के खिलाफ है.'
Mahua Moitra Lok Sabha Membership: महुआ मोइत्रा के टीएमसी सांसद पद से निष्कासन पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है, "जिस व्यक्ति ने आरोप लगाया है, उसके बयान के आधार पर फैसला लिया गया. यह न्याय की स्वाभाविक प्रक्रिया के खिलाफ है..." उन्होंने ये भी कहा, जिसने आरोप लगाया वो दुबई में बैठे हुए हैं. उन्होंने बयान दे दिया उसके आधार पर आपने निर्णय ले लिया. अब आने वाले समय में जब वो TMC से चुनाव लड़ेंगी तो भारी बहुमत से जीतकर आएंगी.
महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में शुक्रवार को सदन की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. इससे पहले सदन में लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद उसे मंजूरी दी गई जिसमें मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी. विपक्ष विशेषकर तृणमूल कांग्रेस ने आसन से कई बार यह आग्रह किया कि मोइत्रा को सदन में उनका पक्ष रखने का मौका मिले, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पहले की संसदीय परिपाटी का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया.
क्या बोलीं सांसद प्रियंका चतुर्वेदी?
#WATCH | On the expulsion of Mahua Moitra as TMC MP, Shiv Sena (UBT) MP Priyanka Chaturvedi says, " Decision was taken based on the statement of the person who levelled the allegation. It is against the natural course of justice ..." pic.twitter.com/YQoP6v1AkP
— ANI (@ANI) December 8, 2023
क्या है पूरा मामला?
बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली आचार समिति ने गत नौ नवंबर को अपनी एक बैठक में मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने’ के आरोपों में लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश वाली रिपोर्ट को स्वीकार किया था. समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया था. इनमें कांग्रेस से निलंबित सांसद परणीत कौर भी शामिल थीं. समिति के चार विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट पर असहमति नोट दिए थे. विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट को ‘फिक्स्ड मैच’ करार देते हुए कहा था कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की जिस शिकायत पर समिति ने विचार किया, उसके समर्थन में ‘सबूत का एक टुकड़ा’ भी नहीं था.