Malegaon Blast Case: मुंबई की स्पेशल एनआईए कोर्ट से 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी पूर्व बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को थोड़ी राहत मिली है. विशेष अदालत ने उनके खिलाफ जारी जमानती वारंट को स्थगित कर दिया है, क्योंकि वह उत्तर प्रदेश के एक अस्पताल में इलाज करा रही हैं. प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ ताजा वारंट 13 नवंबर को जारी किया गया था.
इसे 2 दिसंबर को वापस किया जा सकता था, जिसका मतलब है कि भोपाल के पूर्व लोकसभा सांसद को वारंट रद्द कराने के लिए उस तारीख पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) मामलों की अदालत में उपस्थित रहना था. हालांकि, वह सोमवार (2 दिसंबर) को अदालत में पेश नहीं हुईं.
मेरठ के अस्पताल में इलाज करा रहीं प्रज्ञा ठाकुर
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अभियोजन पक्ष ने मध्य प्रदेश की मूल निवासी आरोपी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ जारी जमानती वारंट पर एक रिपोर्ट दायर की. कोर्ट ने रिपोर्ट के अवलोकन के बाद कहा कि जमानती वारंट बिना तामील किए लौटा दिया गया है क्योंकि ठाकुर अपने आवासीय पते पर नहीं मिलीं. पूछताछ करने पर वारंट ले जाने वाले एनआईए अधिकारी को पता चला कि उनका यूपी के मेरठ के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है.
मालेगांव ब्लास्ट मामले में अंतिम चरण में सुनवाई
अदालत ने कहा कि इसलिए, फिलहाल इसे (जमानती वारंट) अगले आदेश तक स्थगित रखा जाए. प्रज्ञा सिंह ठाकुर जो मामले में जमानत पर बाहर हैं, उन्होंने पहले कई मौकों पर बीमारी का हवाला देते हुए कोर्ट की पेशी से छूट मांगी है. एनआईए कोर्ट इस समय 16 साल पुराने विस्फोट मामले में सुनवाई के अंतिम चरण में है और आरोपियों के अंतिम बयान दर्ज कर रही है.
मालेगांव ब्लास्ट में 6 लोग मारे गए थे
बता दें कि 29 सितंबर, 2008 को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर उत्तरी महाराष्ट्र के एक शहर मालेगांव में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में बंधे विस्फोटक उपकरण में ब्लास्ट होने से 6 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना में 100 से अधिक लोग घायल भी हुए थे.
प्रज्ञा सिंह ठाकुर, सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और पांच अन्य पर उनकी कथित संलिप्तता के लिए मुकदमा चल रहा है. साल 2011 में एनआईए को स्थानांतरित होने से पहले मामले की जांच महाराष्ट्र के आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) की ओर से की गई थी.
ये भी पढ़ें:
राज्यपाल, 7 कैबिनेट मंत्री, दो राज्यमंत्री, एक केंद्र में मंत्री, अजित पवार की मांग पर बड़ा खुलासा