Maharashtra News: महाराष्ट्र में 2008 के मालेगांव (Malegaon) विस्फोट मामले के पीड़ितों ने बांबे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि विशेष एनआईए न्यायाधीश पी. आर. सित्रे का कार्यकाल बढ़ाया जाए जो अगस्त 2020 से मुकदमे की सुनवाई कर रहे हैं. 


पत्र में कहा गया है कि वार्षिक सामान्य स्थानान्तरण के तहत न्यायाधीश सित्रे का आगामी छुट्टियों में तबादला किया जा रहा है. इसमें कहा गया है, ‘‘उन्होंने 29 अगस्त, 2020 की एक अधिसूचना के द्वारा कार्यभार संभाला था और मामले की सुनवाई की. कुछ आरोपियों द्वारा सुनवाई को बाधित करने की घटिया रणनीति पर नजर रखते हुए उन्होंने विस्फोट मामले की रोजाना आधार पर सुनवाई की. सभी आरोपी जमानत पर हैं इसलिए सुनवाई लंबी खिंच रही है."


पत्र में की गई न्यायाधीश सित्रे की तारीफ


पत्र में कहा गया है कि न्यायाधीश सित्रे ने नैसर्गिक न्याय और निष्पक्ष सुनवाई के सिद्धांतों को कायम रखा और "निष्पक्ष एवं स्वतंत्र तरीके से" मामले की सुनवाई की और आरोपियों, पीड़ितों और अभियोजक को शिकायत का कोई मौका नहीं मिला. पत्र में यह भी कहा गया है कि पिछले एक साल और चार महीनों में 100 से अधिक गवाहों की जांच करने के बाद न्यायाधीश सित्रे मामले के रिकॉर्ड से पूरी तरह अवगत हैं और नए न्यायाधीश को मामले के रिकॉर्ड से अवगत होने में समय लगेगा.


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2008 में हुआ था विस्फोटक


उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर, 2008 को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित नासिक के मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल पर बंधे विस्फोटक में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए. इस मामले के आरोपियों में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, लोकसभा सदस्य प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय रहीरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी शामिल हैं तथा वे सभी जमानत पर हैं.


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