Mumbai News: पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारने और उसके साथ गाली-गलौज करने वाले शख्स को हुई 4 साल की जेल, जानें पूरा मामला
Mumbai Crime: इस मामले में दो लोगों के खिलाफ केस चल रहा था, जिसमें से एक शख्स की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई थी.
Man jailed for slapping policeman: पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारने और उसके साथ गाली-गलौज करने वाले 36 वर्षीय शख्स को 4 साल की जेल की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा शख्स पर जुर्माना भी लगाया गया है. यदि शख्स जुर्माने की रकम नहीं अदा कर पता है तो उसे तीन महीने और जेल में बिताने होंगे. यह मामला साल 2011 का है.
अनिल घोलप और महेश मारीमुथु सायन पुलिस कांस्टेबल कल्पेश मोकुल को गाली देने, थप्पड़ मारने और उनके साथ मारपीट करने के आरोप में मुकदमे का सामना कर रहे थे. मारीमुथु का कुछ साल पहले निधन हो गया था इसलिए उनके खिलाफ मामला समाप्त कर दिया गया. अनिल घोलप को धारा 332, 353, 323 और 504 के तहत आरोपी बनाया गया है.
दोनों के बीच लड़ाई शांत कराने गए थे मोकुल
अतिरिक्त लोक अभियोजक सचिन पाटिल ने कहा कि 11 मई 2011 की रात ढाई बजे मुकुल ने दो लोगों को एटीएम के बाहर लड़ते देखा. मुकुल उस दौरान वर्दी में नहीं थे. मुकुल ने उन्हें बताया कि वह पुलिसकर्मी हैं और मामले को शांत करने की कोशिश की. लेकिन घोलप और मारीमुथु ने उनकी एक न सुनी और उन्हें थप्पड़ मार दिया और उनके साथ गाली-गलौज भी की. उसी दौरान मुकुल ने एक अन्य पुलिसकर्मी दिनकर जाधव की सहायता ली और दोनों को पुलिस स्टेशन ले जाकर शिकायत दर्ज कराई. इस मामले के जांच अधिकारी जितेंद्र ठाकुर ने बताया कि इस पूरी घटना के तार चश्मदीद थे. डॉ. सुधीर चौधरी ने बयान दिया कि मुकुल को बांय कान और कनपटी पर चोटें आई थी. उन्होंने कहा कि मुकुल को टिनिटस की शिकायत थी और इस घटना के बाद उन्हें कम सुनाई देने लगा.
पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारना मतलब कानून व्यवस्था को थप्पड़ मारना
जब बचाव पक्ष की वकील जया जाधव ने तर्क दिया कि मोकुल वर्दी में नहीं थे, तो इस पर पाटिल ने कहा कि चूंकि मोकुल डिटेक्शन सेक्शन में काम करते हैं ,इसलिए उनका वर्दी में होना अनिवार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि मोकुल ने दोनों को बताया था कि वह पुलिसकर्मी हैं. पाटिल ने तर्क दिया कि घोलप ने सार्वजनिक स्थान पर एक लोक सेवक के साथ मारपीट कर उसकी सुनने की क्षमता को नुकसान पहुंचाकर गंभीर अपराध किया है. अपराधियों को कड़ा संदेश देने के लिए इस मामले में कठिन से कठिन सजा देनी जरूरी है. पाटिल ने कहा कि समाज में शांति बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मी भरपूर कोशिश करते हैं. मुझे लगता है कि पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारना कानून व्यवस्था को थप्पड़ मारना है.
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