Manmohan Singh Death: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दुख जताया है. उन्होंने कहा कि 'देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर अत्यंत दुखद है. पहले केंद्रीय वित्त मंत्री और बाद में प्रधानमंत्री के रूप में उनकी पहचान इतिहास में एक दूरदर्शी नेता के रूप में रहेगी, जिन्होंने क्रांतिकारी फैसले लिए जिससे देश के आर्थिक विकास को गति मिली और देश की अर्थव्यवस्था के लिए नए रास्ते खुले.
एकनाथ शिंदे ने आगे कहा, "बेहद सरल, सीधे और शांत स्वभाव के डॉ. मनमोहन सिंह वैश्विक स्तर पर एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री के रूप में जाने जाते थे. उनके निधन से एक रणनीतिक और बुद्धिमान अर्थशास्त्री और राजनीतिक नेता खो गया है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवार को इस दुःख से उबरने की शक्ति प्रदान करे. हार्दिक संवेदनाएं."
वित्त मंत्री भी रहे मनमोहन सिंह
बता दें कि मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे थे. साल 1991 में मनमोहन सिंह की राजनीति में एंट्री हुई जब 21 जून को पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया. उस समय देश एक गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था. पी.वी. नरसिंह राव के साथ मिलकर उन्होंने विदेशी निवेश का रास्ता साफ किया था.
वित्त मंत्री रहते उन्होंने देश में आर्थिक उदारीकरण की नीतियों को लागू किया, जिससे विदेशी निवेश को बढ़ावा मिला और भारत को विश्व बाजार से जोड़ा जा सका. वह 1991 में पहली बार असम से राज्यसभा के सांसद चुने गए. उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कई सुधार किए, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर हुई. वह 1998 से 2004 तक विपक्ष के नेता भी रहे.
14वें प्रधानमंत्री के रूप में ली थी शपथ
साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली जीत के बाद उन्होंने 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. उन्होंने यूपीए-1 और 2 में प्रधानमंत्री का पद संभाला. मनमोहन सिंह ने पहली बार 22 मई 2004 और दूसरी बार 22 मई, 2009 को प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली थी. डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को पश्चिमी पंजाब के गाह में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है. उनके पिता का नाम गुरमुख सिंह और मां का नाम अमृत कौर था.
उन्होंने 1952 और 1954 में पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और मास्टर्स की डिग्री हासिल की. एमए इकोनॉमिक्स में वह यूनिवर्सिटी टॉपर रहे थे. उन्होंने 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपना इकोनॉमिक्स ट्रिपोस पूरा किया. इसके बाद उन्होंने साल 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल. की डिग्री हासिल की.उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्यापन किया.