Maratha Reservation Protest: आरक्षण की मांग उठाने वाले कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने शुक्रवार को कहा कि मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों से मिलने के लिए जालना के अंतरवाली सरती में आए महाराष्ट्र के मंत्रियों को 17 दिसंबर से पहले बताना होगा कि उन्होंने आरक्षण की मांग के बारे में क्या किया है. उन्होंने कहा कि समुदाय को लगता है कि उसे मूर्ख बनाया जा रहा है. जरांगे मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर अगस्त-सितंबर में और फिर अक्टूबर में दशहरे के बाद भूख हड़ताल पर बैठे थे. उन्होंने मराठा समुदाय के लिए कुनबी प्रमाण पत्र मांगा था, कुनबी राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का हिस्सा हैं.


मनोज जरांगे ने पूछा ये सवाल
उनके अनशन को समाप्त करवाने के दौरान कई मंत्रियों ने आरक्षण विरोध स्थल अंतरवाली सरती में उनसे मुलाकात की थी और उन्हें आश्वासन दिया था कि राज्य सरकार मराठा समुदाय को न्याय देगी. अस्पताल में उपचार करा रहे जरांगे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘‘मंत्री अतुल सावे, धनंजय मुंडे, उदय सामंत और अन्य जो अंतरवाली सरती में आए हैं, उन्हें 17 दिसंबर से पहले यह बताना होगा कि उन्होंने आरक्षण की मांग के बारे में क्या किया है.’’ जरांगे ने दावा किया, ‘‘या फिर, एक बार जब हम (एक और) आंदोलन का आह्वान करेंगे, तो हम पीछे नहीं हटेंगे. अगर वे नहीं बोलेंगे, तो समुदाय को लगेगा कि बेवकूफ बनाया जा रहा है.’’


क्या बोले मनोज जरांगे?
जरांगे ने कहा कि अगर मंत्री नहीं बोलते हैं तो सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन उजागर हो जाएंगे. जरांगे ने दो नवंबर को अपना दूसरा अनशन समाप्त करते हुए मराठों को आरक्षण देने के लिए सरकार के सामने 24 दिसंबर की समय सीमा तय की थी. उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि आंदोलन को आगे कैसे बढ़ाया जाए, इस पर निर्णय करने के लिए अंतरवाली सरती गांव में एक बैठक होगी.


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