Maratha Reservation Protest: मराठा आरक्षण की मांग कर रहे मनोज जरांगे के अनशन का आज पांचवां दिन है. मनोज जरांगे ने 10 फरवरी को अपना विरोध दोबारा शुरू किया था. इस बीच जरांगे की तबियत पिछले पांच दिनों में काफी खराब हो गई है क्योंकि उन्होंने भोजन और पानी पीने से भी मन कर दिया है. उनके सहकर्मियों की चिंताएं तब और बढ़ जाती हैं जब उसकी नाक से खून बहने लगता है और उसके हाथ कांपने लगते हैं. इस दौरान देखा गया कि मनोज जरांगे को बोलने में भी काफी तकलीफ हो रही है. उनके गिरते स्वास्थ्य को देखकर, उनके सहयोगियों की चिंता बढ़ती जा रही है.


समर्थकों ने बुलाया बंद
जारंगे के साथ एकजुटता दिखाते हुए, विभिन्न मराठा संगठनों ने जालना, बीड, सोलापुर और नासिक के कई गांवों में बंद का आह्वान किया है. विशेष रूप से, उत्तरी सोलापुर और सोलापुर के कोंडी गांव में समुदाय एकजुट है, इस मुद्दे के समर्थन में दुकानें बंद हैं, जबकि दूध सहित आवश्यक सेवाएं चालू हैं.


भूख हड़ताल पर डटे रहने के कारण जरांगे का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता जा रहा है. ग्रामीणों, दोस्तों और सहकर्मियों की गुहार के बावजूद, वो भोजन करने, पानी पीने और चिकित्सा सहायता लेने से भी मना कर दिया है. यहां तक कि जालना कलेक्टर कृष्णनाथ पांचाल और पुलिस अधीक्षक अजय कुमार बंसल ने भी उनसे पानी की पेशकश करते हुए नरम होने का अनुरोध किया है, फिर भी जारंगे मांग पूरी होने तक पानी लेने से इनकार कर देते हैं.


जरांगे की प्रमुख मांगों में मराठा आरक्षण से संबंधित सरकार के अध्यादेश को तत्काल लागू करना, इसके बाद अध्यादेश को कानून में बदलने के लिए एक विशेष विधायी सत्र बुलाना शामिल है. इसके अलावा, वह राज्य भर में मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सभी पुलिस मामलों को वापस लेने पर जोर दे रहे हैं.


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