Manoj Jarange Maharashtra Visit: दो सप्ताह की शांति के बाद शिवबा संगठन के नेता मनोज जरांगे-पाटिल ने मराठा आरक्षण मुद्दे पर बुधवार को राज्य के कई जिलों का एक और नौ दिवसीय दौरा शुरू किया, जिसकी शुरुआत सोलापुर के वांगी गांव में एक सार्वजनिक बैठक से हुई. जारांगे-पाटिल अपने समर्थकों के एक विशाल काफिले के साथ जालना के अंतरावली-सरती से सोलापुर के लिए निकले और हाथ जोड़कर कसम खाई कि जब तक सरकार मराठा आरक्षण की लंबित मांगों को नहीं मान लेती, शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रहेगा.


क्या बोले कार्यकर्ता मनोज जरांगे?
जरांगे-पाटिल ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा, “हमने महाराष्ट्र सरकार को 24 दिसंबर तक की समय सीमा दी है. हम तब तक चुप रहेंगे, लेकिन लोकतांत्रिक तरीकों से अपना शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रखेंगे. हमें उम्मीद है कि समय-सीमा के भीतर कोटा की घोषणा कर दी जायेगी.” एक प्रश्न के उत्तर में, जरांगे-पाटिल ने कहा कि शुरू में सरकार ने दावा किया था कि वे निज़ाम-युग के दौरान मराठों को जारी किए गए 'कुनबी जाति' प्रमाणपत्रों का पता लगाने में सक्षम नहीं थे. उन्‍होंने सवाल किया, "फिर, वे राज्य भर से ऐसे लाखों दस्तावेज कैसे खोज रहे हैं... सरकार को अब तदनुसार कार्रवाई करनी चाहिए."


सरकार से कही ये बात
उन्होंने दोहराया कि मराठा समुदाय आरक्षण के मुद्दे पर पीछे नहीं हटेगा और यह सरकार पर निर्भर है कि वह निर्धारित समय सीमा के भीतर इस मामले में कदम उठाए. जरांगे-पाटिल की कड़ी टिप्‍पणी तब आई है जब स्वतंत्र तथा राजनीतिक दलों से संबद्ध ओबीसी नेताओं ने ओबीसी 'कुनबी जाति' समुदाय से मराठा कोटा अलग करने की राज्य सरकार की योजना की निंदा की है. नौ दिवसीय दौरे के दौरान 23 नवंबर तक जरांगे-पाटिल के सोलापुर, उस्मानाबाद, बीड, लातूर, नांदेड़, परभणी, हिंगोली, छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव जैसे जिलों को कवर करने की संभावना है. अधिकांश स्थानों पर, उनके समर्थकों ने सैकड़ों जेसीबी से फूल बरसाकर नायक के स्वागत की योजना बनाई है, जैसा कि हाल के महीनों में एक आदर्श बन गया है.


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