Manoj Jarange Protest: मराठा आरक्षण की मांग पर अड़े मनोज जरांगे की अचानक बिगड़ी तबीयत, चढ़ाया गया स्लाइन
Maratha Reservation Protest: मनोज जरांगे के आमरण अनशन का आज पांचवा दिन है. भूख हड़ताल के दौरान जरांगे की तबीयत अचानक खराब हो गई है.
Manoj Jarange Hunger Strike: मराठा समुदाय को सगेसोयरे और ओबीसी वर्ग से आरक्षण मिले इस मांग को लेकर मनोज जरांगे अंतरवाली सराती में भूख हड़ताल पर बैठे हैं. इस बीच मनोज जरांगे पाटिल की तबीयत खराब होने लगी है. मनोज जरांगे ने 8 जून को अपनी भूख हड़ताल शुरू की थी. मंगलवार सुबह से ही उनकी हालत बिगड़ गई थी. अंतरवाली सराती में तैनात डॉक्टरों की एक टीम ने उनसे इलाज करने का अनुरोध किया.
हालांकि, मनोज जरांगे पाटिल ने इलाज कराने से इनकार कर दिया है. बुधवार सुबह 2.30 बजे मनोज जरांगे पाटिल की हालत ज्यादा खराब होने पर उनका इलाज किया गया. सबसे पहले जिला सर्जन राजेंद्र पाटिल और डॉक्टरों की एक टीम ने मनोज जरांगे पाटिल को इलाज करवाने के लिए मनाया. इसके बाद मनोज जरांगे इलाज कराने के लिए तैयार हो गए हैं. डॉ. ने फिर मनोज जरांगे पाटिल को तीन स्लाइन चढ़ाई.
जरांगे ने हालांकि चेताया है कि अगर सरकार इस मुद्दे को तुरंत हल करने में विफल रहती है तो वह नसों के जरिए तरल पदार्थ लेना बंद कर देंगे. जालना जिले में अपने पैतृक गांव अंतरवाली सराती में उन्होंने शनिवार को फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. उनकी बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) से नवनिर्वाचित शिवसेना सांसद संदीपन भूमरे ने अंतरवाली सराती जा कर मंगलवार को जरांगे से मुलाकात की.
जरांगे मसौदा अधिसूचना के कार्यान्वयन की मांग कर रहे हैं जो कुनबी को मराठा समुदाय के सदस्यों के 'सेज सोयरे' (रक्त संबंधी) के रूप में मान्यता देती है. वे कुनबी समुदाय को मराठा के रूप में पहचान दिलाने के लिए एक कानून की भी मांग कर रहे हैं. कुनबी एक कृषि समूह है जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आता है. जरांगे मांग कर रहे हैं कि सभी मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी किए जाएं, जिससे वे कोटा के तहत मिलने वाले लाभ के लिए पात्र बन सकें.
बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए जरांगे ने कहा, 'महाराष्ट्र के एक मंत्री ने मुझे मराठा आरक्षण के मुद्दे को हल करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद मैंने आज सुबह तीन बजे से नसों के जरिए तरल पदार्थ लेना शुरू कर दिया. लेकिन अगर सरकार इस मुद्दे को तुरंत हल नहीं करती है तो मैं तरल पदार्थ लेना बंद कर दूंगा और अगर मंत्री ने वादा पूरा नहीं किया तो मैं उनका नाम उजागर करूंगा. हम पिछले दस सालों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने हमारे धैर्य की परीक्षा ली है.'
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