Maharashtra Maratha Reservation: मराठा आरक्षण को लेकर सरकार की ओर से जारी अध्यादेश को कानून में बदलने की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) की भूख हड़ताल जारी है. अंतरवली सारथी में वो भूख हड़ताल पर बैठे हैं. जरांगे के अनशन का सोमवार (19 फरवरी) को 10वां दिन है. हालांकि कोर्ट के आदेश से उनका इलाज किया जा रहा है. सरकारी मेडिकल अधिकारियों की देखरेख में उनका इलाज किया जा रहा है.
सरकार ने मराठा आरक्षण पर फैसला लेने के लिए 20 फरवरी को विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की है. मनोज जारांगे ने भी सरकार को 20 तारीख तक का अल्टीमेटम दिया है और अपने समर्थकों से इस तारीख तक शांत रहने के लिए कहा है.
मनोज जरांगे पाटिल ने 10 फरवरी से भूख हड़ताल शुरू की है और 19 फरवरी को उनकी भूख हड़ताल का 10वां दिन है. उन्होंने 10 फरवरी से अन्न का एक दाना भी नहीं खाया है. शुरुआत में उन्होंने पानी और इलाज लेने से भी इनकार कर दिया था, जिसके बाद उनकी हालत खराब हो गई. बाद में समुदाय के सदस्यों और कुछ पत्रकारों के आग्रह को उन्होंने माना. अदालत से आदेश दिए जाने के बाद जारांगे का इलाज जारी है.
मराठा आरक्षण पर हिंगोली में विरोध प्रदर्शन
सरकार की ओर से मनोज जारांगे की भूख हड़ताल पर ध्यान नहीं देने से पूरे राज्य में मराठा समुदाय आक्रामक होता जा रहा है. हिंगोली में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर तीसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन किया गया. हिंगोली जिले के हयातनगर फाटा में सकल मराठा समुदाय के लोगों ने नांदेड़-परभणी नेशनल हाईवे को बाधित कर दिया. यहां गाड़ियों की लंबी कतार लग गई. करीब तीन घंटे तक ट्रैफिक जाम रहा और लोगों का भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
बीड जिले में भी रोकी गई गाड़ियां
मराठा समुदाय के लिए तत्काल आरक्षण को लागू करने की मांग को लेकर बीड जिले के लिंबगनेश में सड़क रोको आंदोलन किया गया. आरक्षण मुद्दे पर गुस्साए मराठा समुदाय के लोगों ने अहमदनगर से अहमदपुर जाने वाली सड़क को करीब एक घंटे तक जाम कर दिया. इससे सड़क के दोनों ओर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं. आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. मराठा समुदाय के लोगों ने नारायण राणे की ओर से मनोज जरांगे पाटिल को लेकर दिए गए बयान की भी कड़ी निंदा की है.